छत्तीसगढ़ में 5 हजार 127 करोड़ रुपए के चावल का घोटाला !
रायपुर। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने सोमवार काे प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कोविड काल में संवेदनशीलता दिखाते हुए गरीबों के लिए चावल भेजा। ये अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 तक कुल 33 महीनों में करीब 3 करोड़ 80 लाख 61 हजार 540 क्विंटल चावल होता है। ये पूरा राशन केंद्र ने राज्य को दिया। इसे लोगों को बांटा जाना था। मूणत के मुताबिक प्रदेश में इस चावल में से 2 करोड़ 29 लाख 80 हजार 711 क्विंटल चावल बांटा गया। मूणत ने साफ कहा है कि, करीब 1 करोड़ 50 लाख 80 हजार 829 क्विंटल चावल बांटा नहीं गया। ये चावल गया कहां कोई नहीं जानता, ये रखा कहां है ये भी किसी को नहीं पता। इसकी कीमत 5 हजार 127 करोड़ होती है। इतनी बड़ी राशि के चावल का घपला किया गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने 30 सिंतबर 2022 को एक आदेश जारी किया था। इसमें प्रदेश को केंद्र सरकार से अब तक जितना चावल मिला है, उसके स्टाक का भौतिक सत्यापन करने और उसे पुणे के मेन सर्वर में अपडेट करने कहा था। केंद्र के आडिट रिपोर्ट मांगे जाने के बाद प्रदेश स्तर पर खाद्यान्न घोटाले का हल्ला मच गया।