छत्तीसगढ़ की माटी में अध्यात्म का रंग कमला दीदी के अथक सेवाओं का फल-ब्रम्हाकुमारी मनोरमा दीदी

ब्रह्मवत्सो ने स्नेह प्रेम के अश्रुओं से राजयोगिनी कमला दीदी को अर्पित की श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ की माटी में अध्यात्म का रंग कमला दीदी के अथक सेवाओं  का फल-ब्रम्हाकुमारी मनोरमा दीदी

 भिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम  में क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी  ब्रह्माकुमारी कमला दीदी की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
प्रयागराज से पधारी धार्मिक सेवा प्रभाग की अध्यक्ष ब्रम्हाकुमारी मनोरमा दीदी ने  राजयोगिनी कमला दीदी के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि भिलाई पावन भूमि है जहां पर परमात्म ज्ञान का बीज कमला बहनजी द्वारा बोया  गया जो आज विशाल वृक्ष बनकर अनगिनत लोगों को शांति की शीतल छाया दे रहा है। कमला दीदी परमात्म पारस मणि थी। भगवान की श्रीमत पर आज्ञाकारीता का गुण उनकी विशेषता थी।
छत्तीसगढ़ की माटी में अध्यात्म का रंग कमला दीदी के अथक सेवाओं  का फल है। भगवान प्रेम का सागर है लेकिन उसका प्रत्यक्ष  स्वरूप कमला बहनजी थी। वे कहती थी की राजयोग से प्राप्त उत्तर को  जीवन के प्रश्नों में फिट  करो और निश्चिंत, सुखी रहो। आपके सानिध्य में ही अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू के बाद देश में प्रथम रिट्रीट सेंटर रायपुर  शांति सरोवर की स्थापना हुई (अटल नगर (नया रायपुर) में शांति शिखर, भिलाई का राजयोग भवन, अंतर्दशा भवन, एवं छत्तीसगढ़, उड़ीसा सहित राजस्थान के कई स्थानों में आपके मार्गदर्शन में अनेकानेक सेवा केंद्रों की स्थापना हुई। पूरे जोन को आपने सरलता, विनम्रता दिव्य गुणों से  एक सूत्र में पिरोकर ममतामई पालना से  सींचा।
ब्रह्माकुमारी  प्राची दीदी ने राजयोगिनी कमला बहनजी प्रति अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा की  आप पूरे जोन की इंचार्ज थी लेकिन इंचार्ज का भाव नहीं था, आपसे सदा बड़ी दीदी और मां की पालना ही मिली ,उनका हमारे जैसी छोटी छोटी बहनों के प्रति सम्मान देना हमें आगे बढऩे में बल देता था।
भिलाई सेवा केंद्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी  आशा दीदी ने कमला बहन जी के साथ अपने 50 वर्षों के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि 15 वर्ष की उम्र से ही मुझे कमला बहनजी का मार्गदर्शन मिलता रहा जो कि अभी तक अनवरत चलता रहा आगे भी उनकी सूक्ष्म प्रेरणा हमें आगे बढऩे में मदद करेगी।  कभी किसी से लेने का भाव नहीं था उनमे ,सदा देने का भाव। कभी किसी  व्यक्ति, वस्तु में आसक्ति नहीं थी उनकी , सदा न्यारी और परमात्म प्यारी रहे। इस्पात भूमि भिलाई सेक्टर 7 में राजयोग भवन की नींव आपके दृढ़ संकल्प से स्थापना हुई, कमला अर्थात लक्ष्मी सदा देने वाली तपस्वीनी। कमला बहनजी कहा करती थी कि अपनी खुशी कभी कम नहीं होनी चाहिए, सच्चाई सफाई के साथ जीवन में सदा सकारात्मक रहना चाहिए। आपके द्वारा बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों के 65 से भी अधिक गाँवों में भी आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा उनकी पालना हुई।
इंदौर से पधारी मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक बी के हेमा दीदी ने कमला बहन जी के साथ का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि उनका जीवन पारदर्शिता, सत्य स्वरूप,अंदर बाहर एक समान था। आपके शक्तिशाली संकल्पों में सिद्धि थी जिसका फल स्वरुप आज हम सभी इतनी बड़ी सभा को देख रहे क्योंकि उनके संकल्प  जीवन के अंतिम पलो में भी सदा निस्वार्थ और दतापन  के रहे। उम्र के अंतिम  पड़ाव में भी आप अथक रूप से ईश्वरीय सेवाएं करती रही। आपने कभी अपनी महिमा स्वीकार नहीं की, आप दादियों का उदाहरण देते कहती की दादियों ने तो पूरे विश्व मे कितनी सेवा की उनके आगे हम कुछ नही। 
 भिलाई में जन्मी  ब्रह्माकुमारी   सविता दीदी जो कि वर्तमान में रायपुर की बेहद सेवाओं के निमित्त हैं ,सविता दीदी ने कमला दीदी के साथ 35 वर्षों का अनुभव सुनाते हुए बताया कि 18 साल की आयु से ही कमला बहन जी के साथ रायपुर की सेवाओं में रहने का अवसर प्राप्त हुआ। भिलाई सेवाओं के प्रारम्भ में अग्रसेन भवन,महाराष्ट्र मंडल, सेक्टर 6 के प्राइमरी स्कूल में प्रदर्शनी लगाई थी।
पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने राजयोगिनी कमला दीदी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नवनिर्वाचित छत्तीसगढ़ विधानसभा के समस्त विधायकों को शांति सरोवर रिट्रीट सरोवर में राजयोग मेडिटेशन और ब्रह्मा भोजन पर आमंत्रित किया जाता है यह परम्परा आज भी अनवरत जारी है। आपने ब्रह्माकुमारी संस्था एवं दीदियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि दीदियों के स्नेह से तो पराए भी अपने हो जाते हैं यह दीदियों की कमाल है। छत्तीसगढ़ विधानसभा बनने के बाद पक्ष, विपक्ष समस्त मंत्री मंडल ब्रह्माकुमारी कमला दीदी जी के सानिध्य में ही अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू गया था। आपका जाना  आध्यात्मिक क्षेत्र में छति  है।
अध्यक्ष खाद्य, लोक स्वास्थ्य एवं स्वछता विभाग, एवं पार्षद लक्ष्मी पति राजू सहित सभी क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य नागरिक एवं भिलाई, दुर्ग,पाटन, जामगाँव,दल्लीराजहरा, डौंडी लोहारा, नंदनी अहिवारा, बेमेतरा,उतई से बड़ी संख्या में ब्रह्मवत्सो  ने स्नेह, प्रेम के अश्रुओं से श्रधांजलि आर्पित की। इस अवसर पर राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी कमला दीदी जी के जीवन से जुड़े संस्मरण  एवं भिलाई राजयोग भवन निर्माण के समय के  चित्रों को विडियो के माध्यम से प्रोजेक्टर में दिखाया गया।