बालासोर यौन उत्पीड़न पीड़िता छात्रा की मौत, राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री ने जताया शोक, दो अधिकारी निलंबित
ओडिशा के फकीर मोहन कॉलेज की छात्रा, जिसने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आत्मदाह किया था, एम्स भुवनेश्वर में दम तोड़ गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अस्पताल जाकर स्थिति की जानकारी ली। प्राचार्य और एचओडी निलंबित।

भुवनेश्वर/बालासोर। ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन स्वायत्तशासी महाविद्यालय में यौन उत्पीड़न के खिलाफ आत्मदाह करने वाली द्वितीय वर्ष की बीएड छात्रा की सोमवार देर रात एम्स भुवनेश्वर में मौत हो गई। 20 वर्षीय छात्रा 95% जली अवस्था में अस्पताल लाई गई थी और पिछले तीन दिनों से उसका इलाज जारी था, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। छात्रा के निधन की जानकारी उप-मुख्यमंत्री प्रवाती परिदा ने दी। उन्होंने कहा, “डॉक्टरों ने भरपूर प्रयास किया, लेकिन पीड़िता को नहीं बचाया जा सका। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
घटना से व्यथित होकर सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद एम्स भुवनेश्वर पहुंचीं और छात्रा की हालत की जानकारी ली। उनके साथ ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कम्भंपति, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की।मुख्यमंत्री मोहन माझी ने छात्रा के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, “एफएम ऑटोनॉमस कॉलेज की छात्रा की मौत की खबर से मैं व्यथित हूं। सरकार ने हर संभव कोशिश की लेकिन हम उसे नहीं बचा सके। दोषियों को कानून के तहत सख्त सजा दिलाई जाएगी।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पीड़िता के परिवार के साथ पूरी तरह खड़ी है।
गौरतलब है कि पीड़िता ने 12 जुलाई को कॉलेज के एचओडी समीरा कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए खुद को आग लगा ली थी। उसने बताया था कि शिक्षक उसका यौन और मानसिक उत्पीड़न करता था। इस संबंध में 30 जून को कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को शिकायत दी गई थी, लेकिन प्रिंसिपल ने उसे शिकायत वापस लेने को कहा। घोष ने बाद में स्वयं यह स्वीकार भी किया। छात्रा द्वारा आत्मदाह किए जाने के बाद, ओडिशा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एचओडी समीरा कुमार साहू और प्राचार्य दिलीप घोष को निलंबित कर दिया। विभाग ने अपने आदेश में कहा कि प्राचार्य ने छात्रा की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और प्रबंधन स्तर पर गंभीर चूक की। राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की जांच भी जारी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग इस पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच करवा रहा है।