धर्मांतरण नेटवर्क का मास्टरमाइंड छांगुर: 68 करोड़ की फंडिंग, 579 जिलों में मुहिम और अरबपति बेटे का सपना

धर्मांतरण नेटवर्क का मास्टरमाइंड छांगुर: 68 करोड़ की फंडिंग, 579 जिलों में मुहिम और अरबपति बेटे का सपना

लखनऊ। धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और एटीएस की कार्रवाई लगातार तेज़ हो रही है। ताजा जांच में सामने आया है कि छांगुर से जुड़े 30 बैंक खातों में विदेशी फंडिंग के जरिए करोड़ों की रकम भेजी गई थी, जिनमें से 18 खातों में 68 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ है।
पिछले तीन महीनों में ही 7 करोड़ रुपये विदेशी स्रोतों से इन खातों में जमा किए गए। 

अधिकारियों के अनुसार, यह राशि विदेशी फंडिंग नेटवर्क के माध्यम से भारत में पहुंची और उत्तर प्रदेश के बलरामपुर, आजमगढ़ व अन्य जिलों में धर्मांतरण व प्रॉपर्टी खरीद के लिए उपयोग की गई। छांगुर ने इस अभियान को वैध रूप देने के लिए चार अलग-अलग संस्थाएं बना रखी थीं, जिनमें एनजीओ, ट्रस्ट और निजी खाते शामिल हैं। ईडी अब इन खातों से जुड़े संपर्कों, संस्थानों और संपत्तियों की भी जांच कर रही है और जल्द ही संबंधित व्यक्तियों को पूछताछ के लिए समन भेजे जा सकते हैं।

579 जिलों में था धर्मांतरण का खतरनाक प्लान

सूत्रों के अनुसार, छांगुर ने देश के 579 जिलों की पहचान की, जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं। इन जिलों में हिंदू युवतियों को मुस्लिम बनाने की साजिश के तहत उसने 3000 से अधिक युवाओं को बतौर अनुयायी तैयार किया। यह नेटवर्क धीरे-धीरे प्रशिक्षित और संगठित होता गया, जिससे सामाजिक तानेबाने को तोड़ने की साजिशें की जा रही थीं।

बेटे को बनाना चाहता था अरबपति

छांगुर का सपना था कि उसका बेटा महबूब दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति बने। इसी उद्देश्य से वह धर्मांतरण के साथ-साथ रियल एस्टेट व दूसरे व्यापार में भी पैर फैलाने की तैयारी कर रहा था। वह महबूब को अपने नेटवर्क का उत्तराधिकारी और पूरा तंत्र का मुखिया बनाना चाहता था।

एटीएस की नजर में खास सिपहसालार

छांगुर की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने उसके खास सिपहसालारों की पहचान शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर के मधपुर और रेहरा माफी गांवों के कुछ लोग अब भी इस नेटवर्क से जुड़े हैं। छांगुर के इशारे पर आजमगढ़ में धर्मांतरण कराने वाले दो प्रमुख लोग अब भी सक्रिय हैं और एटीएस की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। इस पूरे मामले ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और जांच का दायरा अब देशभर में बढ़ाया जा रहा है।