हैवान दंपति: संतान प्राप्ति के लिए मासूम की हत्या कर खा लिया कलेजा, 4 लोगों को आजीवन कारावास

तांत्रिक के कहने पर कर दिया कांड, पेट का कर निकाल लिए थे सारे अंग

हैवान दंपति: संतान प्राप्ति के लिए  मासूम की हत्या कर खा लिया कलेजा, 4 लोगों को आजीवन कारावास

यूपी। घाटमपुर क्षेत्र में करीब 3 साल पहले संतान प्राप्ति के लिए दंपती ने तांत्रिक के कहने पर एक मासूम की हत्या और उसका कलेजा खा गया था। इसमें दंपती का भतीजा व उसका दोस्त भी शामिल था। दुष्कर्म, हत्या, पॉक्सो का मामला अदालत में चला। शनिवार को अदालत ने चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अर्थदंड भी लगाया गया है।

जानकारी के अनुसार घाटमपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उसकी सात वर्षीय मासूम पुत्री 14 नवंबर 2020 को घर के बाहर खेलते समय कहीं गायब हो गई थी। अगले दिन उसकी लाश क्षतविक्षत हालत में गांव के बाहर खेत में मिली थी। मामले में पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर गांव के रहने वाले अंकुल, वंशलाल, कमलराम, बाबूराम और सुरेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। दौरान विवेचना पुलिस ने वीरेन और अंकुल उर्फ हूला के खिलाफ मासूम से दुष्कर्म, हत्या करने और दंपती परशुराम और सुनैना के खिलाफ संतान प्राप्ति के लिए तंत्र विद्या के लिए मासूम की हत्या करने में सहभागी बनने के साक्ष्य पाते हुए उनके खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किए थे। वहीं अन्य आरोपियों में वंशलाल, कमलराम, बाबूराम व सुरेश के खिलाफ घटना में शामिल होने के कोई साक्ष्य न मिलने पर उनका नाम विवेचना में हटा दिए थे। 
अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को सभी चारों आरोपियों को दोषसिद्ध ठहराया था। शनिवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोषी अंकुल उर्फ हूला और वीरन को हत्या, दुष्कर्म के आरोप में अंतिम समय का आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक दोषी पर 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। वहीं दोषी दंपती परशुराम व सुनैना को हत्या, साजिश में आजीवन कारावास की सजा के साथ ही बीस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।

जाने क्या है मामला

बच्ची के पिता के अनुसार 14 नवंबर 2020 को दिवाली थी। उनके 7 साल की बेटी घर के बाहर खेल रही थी। उसने चाचा से 10 रुपए मांगे। इसके बाद बेटी बिस्कुट लेने पड़ोस की दुकान पर गई। इसके बाद वह नहीं लौटी। लोग रात भर उसकी तलाश करते रहे। गांव के मंदिर-मस्जिद से अनाउंस कराया, मगर उसका पता नहीं चला। फिर पुलिस को भी सूचना दी।

15 नवंबर की सुबह दो महिलाओं ने काली मंदिर के पास बच्ची का क्षत-विक्षत शव देखा। इसके बच्ची के परिजनों को सूचना दी। बच्ची के शरीर पर कपड़े नहीं थे। पास में ही खून से सनी उसकी चप्पलें पड़ी थीं। शव का कलेजा-फेफड़ा भी गायब था। थोड़ी देर बाद सूचना पर पुलिस पहुंची। फिर डॉग स्क्वायड को बुलाया गया। डॉग ने सूंघते हुई गांव के अंदर गई और पड़ोसी के घर के दरवाजे पर पैर मारने लगी। पुलिस ने देखा तो घर पर ताला बंद था। पता चला कि दंपती दिवाली की रात से गायब हैं। पुलिस ने दबिश देकर 18 नवंबर को एक रिश्तेदार के घर से भतीजे अंकुल और उसके दोस्त वीरेन को हिरासत में लिया। पहले तो दोनों पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन आखिरकार वे टूट गए और सच्चाई बयान कर दी। बताया की पहले शराब पी, फिर रेप के बाद बच्ची को मार डाला अंकुल ने पुलिस को बताया था, चाचा परशुराम ने हमें बताया था कि उसने एक किताब में पढ़ा है कि अगर किसी बच्ची का कजेला वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर खाए, तो बेटा होगा।

इसके लिए परशुराम ने अंकुल को कुछ पैसे दिए। घटना को अंजाम देने के पहले अंकुल ने पहले अपने दोस्त वीरेन के साथ शराब पी और फिर पड़ोस में ही रहने वाली बच्ची को पटाखा दिलाने के बहाने घर से ले आया। इसके बाद जंगल ले जाकर उससे रेप किया। फिर गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया।बाद में पेट फाड़कर अंदर से सारे अंग निकाल लिए और चाचा परशुराम को ले जाकर दे दिए। परशुराम ने चाची के साथ मिलकर बच्ची का कलेजा (लिवर) खाया और बाकी अंग कुत्ते को खिला दिए।