नगर पंचायत उतई में अध्यक्ष के विरुद्ध लाया अविश्वास प्रस्ताव 2 वोट के अंतर से ध्वस्त, कांग्रेसी अध्यक्ष की बची कुर्सी

अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 08 और विपक्ष में 07 वोट पड़े

नगर पंचायत उतई में अध्यक्ष के विरुद्ध लाया अविश्वास प्रस्ताव 2 वोट के अंतर से ध्वस्त, कांग्रेसी अध्यक्ष की बची कुर्सी

उतई। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत है उतई में नगर पंचायत अध्यक्ष डिकेंद्र हिरवानी के विरुद्ध भाजपा तथा भाजपा समर्पित पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर  कलेक्टर दुर्ग द्वारा 03 जनवरी मतदान की तारीख तय की गई थी । समयानुकूल 11 बजे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुकेश रावते  की उपस्थिति में पार्षदों का सम्मिलन आहूत किया  गया। सम्मिलन में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में पार्षदों ने अपनी बातें रखी। सभी के विचार जानने के बाद आपसी सहमति बनाने का प्रयास किया गया किंतु आम सहमति नही बनने के कारण अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन कराने की नौबत आई। जिसके उपरांत नगर पंचायत उतई के अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित सभी 15 पार्षदों ने सम्मिलन में उपस्थिति देकर मतदान प्रक्रिया में भाग लिया। मतदान पूर्व सदन में कांग्रेस के 11 तथा भाजपा के 04 सहित कुल 15  पार्षद  निर्वाचित है सभी ने मतदान मे भाग लिया।

छत्तीसगढ़ नगर पंचायत अधिनियम के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पास कराने कुल पार्षदों के दो तिहाई की आवश्यकता पड़ती हैं ।नगर पंचायत उतई में कुल 15 पार्षदों का दुगुना 30 का तिहाई हिस्सा 10 पार्षदों की आवश्यकता थी किंतु अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 08 वोट पड़े।भाजपा के 04 पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में भी कांग्रेस के 04 पार्षदों ने मतदान किया जिससे उनकी संख्या तो दुगुनी हो गई किंतु आवश्यक 10 वोट में 02 वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कम पड़ने से 02 वोटों के अंतर से अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त हो गया। वही इसके विपरित कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने डिकेंद्र हिरवानी कांग्रेस के 11 पार्षदों के दम पर सत्तासीन थे उन्हे आज के अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में 07 वोट मिले जो उनकी कुल संख्या 11 से 04 कम हो गए। हालाकि नगर पंचायत अधिनियमों के अनुसार उन्हें पद पर बने रहने मात्र 06 वोटो की आवश्यकता थी किंतु उन्हे 07 वोट मिले अर्थात 02 वोटो के अंतराल से उन्होंने अपनी कुर्सी बचा ली जो अब नगर पंचायत उतई के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। पद बचाने में सफल होने पर एक और उन्हे जहां कांग्रेसियों ने बधाई दी वहीं 04 से 08 होने की खुशी में भाजपा खेमे में भी खुशियां देखने को मिली। भाजपा पार्षदों योगेश कोर्राम, सतीश चंद्राकर, भीमसेन सिन्हा, सरस्वती साहू  ने एकजुट होकर कहा की उन्होंने 04 लोगों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था 10 की आवश्यकता थी किंतु 08 होकर भी अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त होने पर भी वो जीत गए क्योंकि कांग्रेस भले अपना किला बचाने में सफल हो गई किंतु संख्या बल कम होने से मंत्री की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है उन्होंने कहा की हम हार कर भी चुनाव जीत गए क्योंकि कांग्रेस खेमे की 11 की संख्या को 07 करने में उन्होंने सफलता पाई है।

नगर पंचायत उतई अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आना ही अपने आप में क्षेत्र के विधायक व प्रदेश सरकार में दूसरे नम्बर के मंत्री ताम्रध्वज साहू की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह छोड़ गया। कांग्रेस खेमे के 11 में 07 पार्षदों का सहयोग नगर पंचायत अध्यक्ष को अपनी कुर्सी बचाने में मिला जो कुल संख्या का 04 कम हो गया अर्थात कहा जा सकता है की कांग्रेस जीतकर भी हार गई।

कांग्रेस के 11 पार्षदों की संख्या हुई 7, 4 कांग्रेसी पार्षदों ने दिया भाजपा का साथ

नगर पंचायत उतई के कुल निर्वाचित  15 पार्षदों में कांग्रेस 11 पार्षद हैं तथा भाजपा के 4 । अविश्वास प्रस्ताव 04 पार्षदों ने लाया था। मतदान के समय पक्ष में 08 वोट पड़े जिससे उनकी संख्या दुगुनी हो गई ।वहीं अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में कांग्रेस के 11 में 07 वोट पड़े जो कुल संख्या से 04 कम हो गए ।अर्थात कांग्रेसी पार्षदों के भीतरघात ने भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर उनकी संख्या दुगुनी कर दी और अपनी ही पार्टी के नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया।

पार्षदों को पहली बार मिला मत देने का अधिकार

नगर पंचायत उतई के पूरे 15 पार्षद मुख्य चुनाव उपरांत विजय होकर अज्ञात वास को चले गए थे। उस वक्त कांग्रेस के 09 भाजपा का 02 तथा कांग्रेस विचारधारा वाले 02 तथा भाजपा विचारधारा वाले 02 कुल 15 पार्षद चुनाव जीतकर आए थे ।करोना काल में भाजपा के एक पार्षद विमला साहु के निधन के उपरांत खाली हुई सीट पर भाजपाई विचारधारा के निर्दलीय सतीश चंद्राकर चुनाव जीत कर आए।जिसके बाद 09 और 02 मिलाकर 11 कांग्रेस तथा 01 और 03 मिलाकर 04 भाजपा के कुल 15 पार्षद नगर पंचायत उतई में हुवे। मुख्य चुनाव के बाद सत्ता का पूरा सदुपयोग करते हुवे मंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा निर्विरोध कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने में सफलता पाई थी जिसके चलते उस वक्त पार्षदों को वोटिंग करने का अवसर नही मिल पाया था जो अब जाकर पूरा हुवा है ।

 अविश्वास प्रस्ताव पर सम्मिलन 11 बजे से 2 बजे तक चला

नगर पंचायत उतई अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव हेतु कलेक्टर दुर्ग द्वारा सम्मिलन की निर्धारित तारीख 03 जनवरी मंगलवार 11 बजे निर्धारित थी जो सम्पूर्ण प्रक्रिया 02 बजे तक संपन्न हुई।जिसमे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व दुर्ग मुकेश रावते अधिकारी नियुक्त किए गए थे साथ में नायब तहसीलदार सत्येंद्र शुक्ला मुख्य नगर पालिका अधिकारी सोहैल कुमार सहित नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे ।

कांग्रेसियों और भाजपाइयों की रही जमघट

नगर पंचायत अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर गहमागहमी देखते ही बनती थी ।पूरी प्रक्रिया सुबह 11 बजे से 02 बजे तक चली। इस दौरान कांग्रेस की ओर से केशव बंटी हरमुख, दिवाकर गायकवाड़, झुमुक साहु, भीषम हिरवानी, खुमान सिंह साहू, बहादुर सिंह नेताम,भावेश साहू। ऋषि  विष्णु देशलहरे, संजय गिरी गोस्वामी, जामवंत गजपाल, प्रहलाद वर्मा, राकेश साहू, वीरेंद्र गिरी गोस्वामी, तोषण साहू, अमित विश्वकर्मा, योगेश मांडले, रवि गंभीर, पदुम लाल साहू, संतोष मानिकपुरी, रविंद्र वर्मा, दीपमाला देशलहरे, संतोषी कुंजाम, मनोरमा देवांगन, श्रवण साहू,धनजय नेताम,मुकेश साहू, विजय साहू, सुरता सिंह ,कैलाश देवांगन सहित भाजपा की ओर से वरिष्ठ नेता लक्ष्मीनारायण साहु, सोनू राजपूत, नरेंद्र साहू, गिरीश शर्मा, प्रवीण यदु,भीमसेन सिन्हा ,सतीश चंद्राकर, योगेश ठाकुर, लोकेंद्र साहु,कुमार साहू, नरेंद्र श्रीवास सहित पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।