प्रविंद साह बने अद्ध औघड़नाथ "अज्ञानी ", सांसारिक सुख सुविधाओ का त्याग कर अपनाया आध्यात्म का मार्ग

प्रविंद साह बने अद्ध औघड़नाथ "अज्ञानी ", सांसारिक सुख सुविधाओ का त्याग कर अपनाया आध्यात्म का मार्ग

भिलाई। तमाम सवाल- जवाब और कई प्रतियोगी प्रक्रियाओं से गुजरते हुए अंततः प्रविंद साह  नाथ संप्रदाय मे हुए सम्मिलित। अब उन्हें अद्ध औघड़नाथ "अज्ञानी" के नाम से जाना जाएगा ।बचपन से ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के प्रविंद जितना अध्यात्मिक रुचि के है, उतना ही शिक्षा से लगाव भी रहा है। वे इतिहास ,राजनीतिक विज्ञान, समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ-साथ एविएशन मैनेजमेंट में डिप्लोमा तथा कराते मे ब्लैक बेल्ट व गोल्ड मेडल विनर रहे चुके हैं।
सामाजिक सेवाओ के साथ साथ शिक्षा और पत्रकार जगत मे भी अपनी सेवा दे चुके प्रविंद दिवगंत हरिशंकर साह और लालो देवी के चार बेटे और पांच बेटियों में सबसे छोटे हैं। मन में आध्यात्म के प्रति दीवानगी ने उन्हें नाथ संप्रदाय से जुड़ने में अहम भूमिका निभाई हैं और इसलिए उन्होंने सांसारिक सुख सुविधाओ का त्याग कर आध्यतम के मार्ग को अपना लिया है। यह संयोग भी है कि नौ नाथ संप्रदाय के एक देवता गणीनाथ प्रविंद परिवार के कुलदेवता है किशोरावस्था में जागी आध्यात्मिक प्रेम ,युवावस्था में सिद्ध हो गई यही कारण है कि इंदौर के बेटमा शहर में आयोजित  शिविर में प्रविंद को प्रमुख बनाया गया था अब  पूर्णता दीक्षा को प्राप्त कर चुके प्रविंद अपनी सेवा स्थली में जाने को भी तैयार हैं।