मजदूरी मांगने वाले ठेकेदार के गुर्गों ने की मारपीट, डर के मारे भाग गए सभी मजदूर, 25 किमी चलने के बाद पटरी पर बैठे थे कि ऊपर से गुजर गई ट्रेन
छत्तीसगढ़ में झारखंड के मजदूरों की ट्रेन से कटकर मौत मामले में बड़ा खुलासा, घायल मजदूरों ने लगाया गंभीर आरोप

मृतक ढिल्लू राय और कृष्णा राय
बालोद। छत्तीसगढ़ में झारखंड के मजदूरों की ट्रेन से कटकर मौत मामले में बड़ा खुलासा साथ मजदूरों ने किया है। मजदूराें का कहना है कि मजदूरी मांगने वाले ठेकेदार के गुर्गों ने की मारपीट की। डर के मारे सभी मजदूर भागने लगे और 25 किमी चलने के बाद पटरी पर बैठे थे कि ऊपर से ट्रेन गुजर गई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बालोद जिले में रेलवे ट्रैक पर सोते समय कटने से 2 मजदूरों की मौत हो गई। घायल मजदूरों ने आरोप लगाया है कि, ठेकेदार ने 600 के बदले 400 रुपए की मजदूरी दी। जब ज्यादा पैसे मांगे तो ठेकेदार के गुर्गे ने मारपीट की। डर की वजह से रातों-रात भाग रहे थे। इस दौरान थककर रेलवे ट्रैक पर बैठे और नींद लग गई। मंगलवार सुबह 4 बजे दल्लीराजहरा-कुसुमकसा के बीच रेल पटरी पर मालगाड़ी की टक्कर से झारखंड निवासी ढिल्लू राय और कृष्णा राय की मौत हो गई। वहीं दो मजदूर अजय राय और विकास घायल हो गए। यह सभी थकावट की वजह से रेलवे पटरी पर ही सो गए थे। अचानक मालगाड़ी आई और गहरी नींद में सो रहे 4 लोगों को ट्रेन ने अपने चपेट में ले लिया। झारखंड के घायल मजदूर अजय राय के अनुसार उन्हें एक ठेकेदार काम करने के लिए दल्लीराजहरा क्षेत्र में लाया था। उनके साथ झारखंड के धनबाग जिला के ग्राम लक्ष्मणपुर से 11 मजदूर भी साथ में थे। डायनासोर कंपनी में पैसे को लेकर सोमवार शाम को विवाद हुआ। इसके बाद रात में ही राजहरा से लौटने का मन बनाया। करीब 25-30 किमी पैदल चलते-चलते सभी काफी थक चुके थे। पटरी पर बैठे ही थे कि अचानक नींद लग गई। फिर ट्रेन की ठोकर से नींद खुली। उलाजा हुआ तो पता चला मेरे दो दोस्त ढिल्लू और कृष्णा कट चुके हैं। मेरे पास में विकास घायल पड़ा है। बाकी साथी मदद मांगने के लिए इधर उधर दौड़ रहे थे। सुबह हुई तब एम्बुलेंस और पुलिस पहुंची।
मजदूरों को सिर्फ इतनी जानकारी थी कि दुर्ग से झारखंड के लिए ट्रेन मिल सकती है। इसलिए ट्रेन के पटरियों के रास्ते घर लौट रहे थे। विवाद के बाद सभी मजदूरों में डर था। इसलिए सभी बिना कुछ कहे, अंधेरे में पटरियों के सहारे आगे बढ़ रहे थे। संतोष ने बताया कि, वो सामू हेमाराम, सूरज राय, बबलाल राय, महेन्द्र सिंह, कमलेश सिंह और सूरज हेमरम करीब 200 मीटर आगे बढ़ चुके थे। हमें ट्रेन की आवाज सुनाई दी और हमने सभी घबरा कर सो रहे साथियों को फोन लगाने की कोशिश की। लेकिन तब तक ट्रेन गुजर चुकी थी। घायल विकास हेमरम ने बताया कि, वे सभी 18 से 25 उम्र के करीब हैं। सभी गांव के दोस्त हैं। सभी के घरों की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। कुसुमकसा स्टेशन मास्टर टी. ठाकुर के अनुसार, कुसुमकसा से दल्लीराजहरा के लिए मंगलवार अलसुबह 3:42 बजे मालगाड़ी रवाना हुई। इसी मालगाड़ी से हादसा होने की संभावना है। हालांकि जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मृतक के दोस्तों ने सुबह 4:45 बजे कुसुमकसा के गेटमैन को सूचना दी। जिसके बाद गेटमैन ने स्टेशन मास्टर को सूचना दी फिर वेरिफिकेशन किया गया। सुबह 5 बजे कंफर्म हुआ कि घटना हुई है और दो लोगों की मौत हुई। घटना के बाद संजीवनी एम्बुलेंस कर्मचारियों को सूचना देकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। घटना के बाद से ही उनके साथ के लोग बदहवास हो गए। परिजनों को भी फोन पर सूचना दी गई है। हादसे की सूचना मिलते ही जब रेलवे और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, तो घटनास्थल का नजारा भयावह था। मालगाड़ी के पहिए से कटने के कारण दो युवकों के शव कई हिस्सों में बंट चुके थे। दो युवक पटरी के किनारे तड़पते हुए मिले। आसपास उनका सामान, मोबाइल और बैग बिखरा पड़ा था। जिन्हें दल्लीराजहरा पुलिस ने मौके से जब्त किया। दल्लीराजहरा सीएसपी डॉ. चित्रा वर्मा ने बताया कि, हादसा सुबह 3:45 से 4 बजे के बीच हुआ है। सूचना मिलते ही घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इलाज चल रहा है। घायल मजदूरों ने जानकारी दी है कि झारखंड से जिले के किसी स्थान में काम करने आए थे। वापस झारखंड जाने निकले थे। तभी यह हादसा हो गया।