छत्तीसगढ़ में बंधुआ मजदूरी का बड़ा खुलासा: मशरूम फैक्ट्री से 97 मजदूर रेस्क्यू, यूपी से धोखे से लाए गए थे, मारपीट-मानव तस्करी का केस दर्ज

रायपुर के खरोरा क्षेत्र की मशरूम फैक्ट्री से बंधुआ मजदूरी कर रहे 97 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया। फैक्ट्री संचालकों पर मानव तस्करी, मारपीट और बंधुआ मज़दूरी जैसे गंभीर आरोपों में आपराधिक मामला दर्ज।

छत्तीसगढ़ में बंधुआ मजदूरी का बड़ा खुलासा: मशरूम फैक्ट्री से 97 मजदूर रेस्क्यू, यूपी से धोखे से लाए गए थे, मारपीट-मानव तस्करी का केस दर्ज

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सटे खरोरा क्षेत्र में बंधुआ मजदूरी और मानव तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्राम सिलतराई में संचालित एक मशरूम फैक्ट्री से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से लाए गए 97 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया है, जिन्हें जबरन कैद कर बिना वेतन और छुट्टी के काम कराया जा रहा था। इस मामले में फैक्ट्री संचालकों विपिन तिवारी, विकास तिवारी और नितेश तिवारी (सभी निवासी – मछलीशहर, जौनपुर, यूपी) के खिलाफ बंधुआ मजदूरी, मारपीट और मानव तस्करी जैसे गंभीर धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।

कैसे हुआ खुलासा?

कुछ मजदूर किसी तरह भागकर रायपुर के भाटागांव बस स्टैंड पहुंचे, जहां तूफान पांडे और मिश्रा नामक दो व्यक्तियों ने उनकी मदद की और पुलिस व श्रम विभाग को सूचना दी। इसके बाद श्रम विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर बाकी मजदूरों को भी रेस्क्यू किया। यह मामला सिर्फ बंधुआ मजदूरी का नहीं, बल्कि इंसानियत पर सवाल है। प्रशासन ने तत्परता दिखाई, लेकिन बड़ा सवाल ये है — ऐसी फैक्ट्रियां चल कैसे रही थीं?

हालात बेहद डरावने थे

मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें वेतन नहीं दिया गया, कोई छुट्टी नहीं मिलती थी, विरोध करने पर मारपीट की जाती थी और उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था

सुरक्षित वापसी की व्यवस्था

गुरुवार रात सभी मजदूरों को रायपुर लाकर इंडोर स्टेडियम में अस्थायी रूप से ठहराया गया, जहां भोजन, इलाज और देखभाल की व्यवस्था की गई। इसके बाद उन्हें गोंदिया-बरौनी ट्रेन के ज़रिए उत्तर प्रदेश रवाना किया गया। बचपन बचाओ आंदोलन के विपिन ठाकुर ने बताया कि सभी मजदूर भयभीत थे और सिर्फ घर लौटना चाहते थे। उनकी मर्ज़ी के अनुसार उन्हें सुरक्षित रवाना कर दिया गया है।

पहले से दर्ज थी शिकायत

गौरतलब है कि एसएसपी जौनपुर के नाम पहले ही शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें इन तीनों संचालकों पर ठगी, बंधुआ मजदूरी और धोखे के गंभीर आरोप लगाए गए थे।