त्यौहारों से पहले दुर्ग में डीजे संचालकों की बैठक, ध्वनि प्रदूषण को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी
त्योहारों के मद्देनजर दुर्ग जिले में डीजे संचालकों की बैठक आयोजित की गई। प्रशासन ने ध्वनि नियंत्रण और समय सीमा को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए। नियम उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी।

भिलाई। दुर्ग जिले में आगामी त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के मद्देनजर ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। 15 जुलाई को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर द्वारा डीजे संचालकों की विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के करीब 100 डीजे संचालकों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य त्योहारों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखना और ध्वनि नियंत्रण अधिनियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना रहा।
बैठक में डीजे संचालकों को इन प्रमुख निर्देशों से अवगत कराया गया:
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शासकीय संपत्ति या सुविधाओं के उपयोग हेतु पूर्व अनुमति अनिवार्य।
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ध्वनि स्तर 75 डीबी(A) से अधिक नहीं होना चाहिए, विशेषकर सार्वजनिक स्थलों पर।
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रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित।
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वाहनों पर वाद्य यंत्रों का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
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आयोजन से मार्ग बाधित न हो, अन्यथा अनुमति निरस्त की जा सकती है।
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शासकीय कार्यालय, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और न्यायालयों के 100 मीटर के दायरे में कोलाहल प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित।
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NGT, Noise Pollution Rules 2000 और कोलाहल अधिनियम 1985 का पालन अनिवार्य।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की उल्लंघना पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और संबंधित अनुमति स्वतः निरस्त मानी जाएगी।