जेल प्रशासन की लापरवाही, उम्र कैद की सजा काट रहे आरोपी कर दिया रिहा, तीन अधिकारियों को नोटिस जारी
रायपुर। राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में लापरवाही का मामला सामने आया है। जिसमें जेल में बंद उम्रकैद के आरोपी को रिहा कर दिया गया था।
मामले की जांच के निर्देश जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने दिए हैं. साथ ही 3 अफसरों को नोटिस भेजकर 24 घंटे में जवाब मांगा है. सहायक जेल अधीक्षक खुशबू मिश्रा, उप जेल अधीक्षक मोखनाथ प्रधान और प्रधान प्रहरी लेखराम ध्रुव को नोटिस भेजा गया है.
बता दें कि सेंट्रल जेल में बंद उम्रकैद के आरोपी को रिहा कर दिया गया था. इस मामले को लेकर जेल में हड़कंप मचने के बाद 8 दिन बाद आरोपी को फिर उसके गांव से पकड़कर लाया गया था. उम्रकैद का कैदी महावीर बलौदाबाजार जिले के मड़वा गांव का रहने वाला है.
सेंट्रल जेल रायपुर में जिम्मेदार अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। छत्तीसगढ़ सरकार के इंकार के बाद भी उम्र कैद की सजा काट रहे एक बंदी को रिहा कर दिया गया। इसकी जानकारी होते ही जेल में हडक़ंप मचने पर आठ दिन बाद फिर उसे पकडक़र जेल में डाला गया। रायपुर सेंट्रल जेल के जेलर अमित शांडिल्य ने बताया कि उम्रकैद के कैदी को त्रुटिपूर्वक रिहा कर दिया गया था। इसकी सूचना मिलते ही जेल प्रशासन ने तत्काल कैदी को जेल दाखिला करवा दिया है। इस घटनाक्रम की जांच की जा रही है। दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि बलौदाबाजार जिले के मड़वा गांव निवासी महावीर को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा हुई थी।
जमीन विवाद पर की थी हत्या
हत्या की घटना 1998 की है। गिरौधपुरी के मड़वा गांव में पारिवारिक जमीन विवाद में एक व्यक्ति की हत्या हुई थी। महावीर समेत कई लोग उसमें आरोपी बनाए गए थे। इस केस में महावीर को उम्र कैद की सजा हुई। पिछले 14 सालों से वह जेल में है। जानकारों का कहना है कि अच्छे आचरण के आधार पर छह महीने की सजा माफी हो जाती है। इसके लिए जिस कोर्ट से सजा हुई हो, अभिमत के लिए पेपर भेजा जाता है। इस मामले में बलौदाबाजार कोर्ट ने रिहा करने का अभिमत दे दिया था। इसके बाद सेंट्रल जेल से सरकार को पत्र भेजा गया। सरकार ने इसे अमान्य कर दिया।