जिसकी हत्या के जुर्म में 7 वर्ष से जेल की सजा काट रहा युवक, पति और बच्चे के साथ जीवन जी रही वह महिला
अलीगढ़। जिस किशोरी की हत्या और अपहरण के जुर्म में गांव का ही युवक सात वर्ष से जेल काट रहा है। वह युवती के रूप में जिंदा मिली है। पुलिस को उसके हाथरस गेट क्षेत्र में पति और दो बच्चों के साथ रहने की जानकारी मिली है। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में अभी चुप्पी साधे हुए है, लेकिन भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि अफसर मामले में कानूनी राय ले रहे हैं। उम्मीद है कि एक-दो दिन में पूरे मामले का पटाक्षेप हो जाएगा। पिछले दिनों गोंडा के ढांठौली गांव निवासी सुनीता वृंदावन के एक भागवताचार्य के साथ उच्चाधिकारियों के साथ ही एसएसपी से मिलीं थीं। उन्होंने बताया था कि उनके निर्दोष बेटे को गांव की एक किशोरी के अपहरण और हत्या के जुर्म में जेल भेजा गया है। कुछ समय पहले उन्हें सूचना मिली कि वह लड़की जिंदा है। किसी के साथ शादी कर कहीं रह रही है। यह सुनकर अचंभित एसएसपी ने थाना पुलिस को गंभीरता से जांच कर सच्चाई का पता लगाने का निर्देश दिया। इसके बाद एसओ गोंडा ने गहराई से जांच शुरू की।
सूत्रों के अनुसार, जांच में युवती के जिंदा रहने से संबंधित अहम तथ्य पुलिस के हाथ लगे हैं। फिलहाल, इस संबंध में इंस्पेक्टर गोंडा उमेश कुमार शर्मा ने इतना ही कहा कि सच सामने लाने पर काम किया जा रहा है। पहले यह साफ हो जाए कि यह लड़की वही है अथवा कोई और? उसके आधार पर न्यायालय में बयान दर्ज कराने, जेल गए युवक की रिहाई कराने आदि का काम होगा। अभी मामले में विधिक पहलुओं और साक्ष्यों पर काम हो रहा है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी व घटनाक्रम के अनुसार, 17 फरवरी 2015 को गांव के एक किसान द्वारा पुलिस को दी गई गुमशुदगी की तहरीर में कहा गया कि उनकी दसवीं में पढ़ने वाली बड़ी बेटी लापता है। उसके लापता होने के पीछे परिवार ने गांव की विधवा महिला के इकलौते बेटे विष्णु पर संदेह जताया। कई माह तक चली जांच में पुलिस किशोरी का सुराग नहीं लगा सकी।
कुछ समय बाद आगरा में एक किशोरी की लाश मिली। उसके शरीर पर मिले कपड़ों के आधार पर गोंडा निवासी किशोरी के परिवार ने अपनी बेटी के शव के रूप में पहचान करते हुए विष्णु पर हत्या करने का आरोप लगाया। मामले में पुलिस ने विष्णु को जेल भेजते हुए उसके खिलाफ किशोरी को फुसलाकर ले जाने, हत्या कर साक्ष्य मिटाने के आरोप में 25 सितंबर 2015 को चार्जशीट दायर कर दी। तब से विष्णु कई वर्ष तक जेल में रहा। कुछ वर्ष बाद वह जमानत पर जेल से बाहर आया।