खबर का असर: देर से ही सही पर जागा दुर्ग जिला प्रशासन, रात 10 से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर लगा प्रतिबंध
30 जून तक ध्वनि विस्तारक यंत्र रहेंगे प्रतिबंधित
दुर्ग। जिला प्रशासन ने आखिरकार विद्यार्थियों के परीक्षाओं के मद्देनजर 30 जून तक रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र पर प्रतिबंध लगा दिया है। ज्ञात हो कि आजाद हिंद टाइम्स ने विगत 10 फरवरी को '' इम्तहान सिर पर लेकिन दुर्ग जिले में DJ की तेज आवाजों पर नहीं लग पाया लगाम" शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर दुर्ग जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया था। हालांकि दुर्ग जिला छोड़ छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों में पहले ही तेज आवाजों पर लगाम लगा दिया गया था।
ध्वनि प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण हेतु उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तहत एवं पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के ध्वनि प्रदूषण विनिमय एवं नियंत्रण नियम के अनुसार शालेय, विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए रात्रि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाया गया है। कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने जिले में इसे 30 जून 2023 तक के लिए निर्धारित सीमा से अधिक होने पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया है। धार्मिक त्यौहारों, संस्कारों, शादी, उत्सव, चुनाव प्रचार इत्यादि के अवसर पर व्यक्ति विशेष के पक्ष में ऐसे कारणों से जो लेखबद्ध किये जावेंगे, में आवश्यक होने पर अनुमति संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी, जिला-दुर्ग द्वारा निम्न शर्तो के अधीन दी जायेगी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग धीमी स्वर में किया जाए। किसी निजी उपयोग के स्थान की सीमा या किसी व्यक्ति द्वारा अपने निजी यन्त्रों का उपयोग किया जा रहा है, तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के लिये निर्धारित परिवेशीय वायु गुणवत्ता सीमा से 5 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होना चाहिये। लाऊड स्पीकर या ध्वनि विस्तारक यंत्र या ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्रों का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर किया जा रहा हो तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के परिवेशीय ध्वनि पैमाने से 10 डी.बी. (ए) या 75 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होनी चाहिए। ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग दो छोटे बाक्स के साथ सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जावें। जिस स्थल (भूमि) पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है उस स्थल के उपयोग के संबंध में सक्षम प्राधिकारी अथवा विभाग (नगर निगम अथवा बी.एस.पी. प्रशासन) से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। किसी भी परिस्थिति में रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य की अवधि के लिए ऐसी अनुमति नहीं दी जावेगी।