जिसके पास ज्ञान है, वही सुखी है-मोदी

दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

जिसके पास ज्ञान है, वही सुखी है-मोदी

नई दिली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। अपने सरकारी आवास से डीयू जाने के लिए उन्होंने दिल्ली मेट्रो का सहारा लिया। इस दौरान वे यात्रियों से बात करते हुए भी नजर आए। दिल्ली विश्वविद्यालय के समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'डीयू आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।' उन्होंने आगे कहा, 'जिसके पास ज्ञान है, वही सुखी है। डीयू ने अपने मूल्यों और सिद्धातों को कायम रखा है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय कंप्यूटर सेंटर और 'प्रौद्योगिकी संकाय' की इमारत और दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा वे सूरज के नीचे हर चीज के बारे में बात करेंगे। कौन सी फिल्म देखी? ओटीटी पर वो सीरीज अच्छी है। वो वाली रील देखी या नहीं देखी? चर्चा करने के लिए विषयों का एक महासागर है।'' पीएम मोदी की यह बात सुनते ही छात्रों के चेहरे पर मुस्कान आ गई और तालियां बजने लगे।
उन्होंन कहा कि एक समय था जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिर्फ 3 कॉलेज थे, अब 90 से ज्यादा कॉलेज हैं। एक समय था जब भारत नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में आता था और आज ये दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्था में है। आज ऊव में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा है। 25 साल बाद जब देश अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा तब ऊव अपनी स्थापना के 125 वर्ष मनाएगी। तब हमारा लक्ष्य भारत की स्वतंत्रता था। अब हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का निर्माण है। पिछली शताब्दी के तीसरे दशक ने स्वतंत्रता संग्राम को नई गति दी थी, अब इस शताब्दी का ये तीसरा दशक भारत की विकास यात्रा को नई रफ्तार देगा। कोई भी देश हो उसकी यूनिवर्सिटीज, शिक्षण संसथान, उसकी उपलब्धि का सच्चा प्रतीक होते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं बल्कि एक मूमेंट रही है। इस यूनिवर्सिटी ने हर मूमेंट को जिया है, इस यूनिवर्सिटी ने हर मूमेंट में जान भर दी है। निष्ठा धृति सत्यम, विश्वविद्यालय का ये ध्येय वाक्य अपने हर एक छात्र के जीवन में मार्गदर्शक दीपक की तरह है। जिसके पास ज्ञान है वही सुखी है, वही बलवान है। वास्तव में वही जीता है जिसके पास ज्ञान है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे किए हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। कोई भी देश हो, उसके विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान, उसकी उपलब्धियों का सच्चा प्रतिबिंब होते हैं। ऊव की भी इन 100 वर्षों की यात्रा में कितने हीं ऐतिहासिक पड़ाव आएं। देश के युवा कुछ करना चाहते हैं। भारतीय यूनिवर्सिटी दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं। देश में स्टार्टअप की संख्या तीन लाख के पार कर चुकी है। दुनिया में भारत का गौरव बढ़ा है। भारत की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। विकसित भारत का निर्माण करना हमारा लक्ष्य है।