आजम खां को सात साल की सजा
रामपुर. डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में सपा नेता आजम खां को कोर्ट ने सोमवार को सात साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा तीन दोषियों को पांच-पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई है। आजम खां, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, रिटायर्ड सीओ आले हसन, ठेकेदार बरकत अली पर अदालत शनिवार को दोष सिद्ध कर चुकी थी। डूंगरपुर से जुड़े एक मुकदमे में कोर्ट ने 31 जनवरी 2024 को आजम खां सहित अन्य सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के दौरान वर्ष 2019 में 12 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से एक केस इसी बस्ती के रहने वाले एहतेशाम ने दर्ज कराया था। आजम खां को आपराधिक षड़यंत्र का आरोपी बनाया था, जबकि अन्य पर घर में घुसकर मारपीट करने, धमकाने, डकैती आदि जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।
एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चार मार्च को इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी थी। शनिवार को कोर्ट ने आजम खां समेत उक्त चारों को दोषी करार दिया। सोमवार को सुनवाई करते हुए आजम खां को सात साल तथा पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, रिटायर्ड सीओ आले हसन, ठेकेदार बरकत अली को पांच साल की सजा सुनाई गई है।
इस मामले में आरोपी बनाए गए सपा के प्रदेश सचिव ओमेंद्र सिंह चौहान समेत जिबरान नासिर, फरमान नासिर साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए थे। सपा नेता आजम खां सीतापुर, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां बिजनौर जेल में हैं।
कोर्ट में जब यह मामला पहुंचा तो अभियोजन पक्ष की ओर से अपना केस साबित करने के लिए एहतेशाम समेत 14 गवाहों को पेश किया गया। उन्होंने अपने बयान में आरोपों की पुष्टि की। सपा नेता आजम खां समेत अन्य आरोपियों ने दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए जिसमें उल्लेख किया कि विवादित भूमि नगर पालिका के रिकार्ड में टंचिंग ग्राउंड के रूप में दर्ज थी। पालिका की एनओसी पर डूडा ने आसरा काॅलोनी का निर्माण कराया था। बचाव पक्ष की ओर से कोई मौखिक साक्ष्य पेश नहीं किया गया था।