गुरु घासीदास के आदर्शों पर चलकर ही एक सशक्त, शिक्षित और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है-विधायक ललित चंद्राकर

दुर्ग। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उतई, सुभाष चौक डुंडेरा, कसारीडीह दुर्ग और पोटियाकला में सतनाम पंथ के संस्थापक, छत्तीसगढ़ की संत परंपरा के अग्रणी बाबा गुरु घासीदास की 269वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दुर्ग ग्रामीण विधायक एवं राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर शामिल हुए।

विधायक ललित चंद्राकर ने जैतखाम गुरुगद्दी और बाबा गुरु घासीदास जी के तैलचित्र पर पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया और प्रदेशवासियों को गुरु घासीदास जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस दौरान सतनाम समाज के लोगों में उत्साह और श्रद्धा का माहौल देखने को मिला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक चंद्राकर ने कहा कि गुरु घासीदास जी केवल एक संत नहीं थे, बल्कि वे सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। उन्होंने सत्य, अहिंसा और समानता का मार्ग उस समय दिखाया, जब समाज कुरीतियों और भेदभाव से जूझ रहा था। उनका अमर संदेश “मनखे-मनखे एक समान” आज भी समाज को जोड़ने और मानवता की रक्षा करने का सशक्त सूत्र है।

उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास जी ने जाति, ऊंच-नीच और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज बुलंद कर समाज को नई दिशा दी। उन्होंने लोगों को आत्मसम्मान, नैतिकता और परिश्रम का महत्व समझाया। आज जरूरत है कि उनके विचारों को केवल स्मरण तक सीमित न रखकर जीवन में उतारा जाए। विधायक चंद्राकर ने युवाओं से आह्वान किया कि वे गुरु घासीदास जी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर शिक्षा, सेवा और संस्कार के मार्ग पर आगे बढ़ें और समाज व राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता और आपसी भाईचारा ही किसी भी मजबूत राष्ट्र की नींव होती है।

इस अवसर पर उतई मंडल अध्यक्ष शीतला ठाकुर, उतई सरपंच डोमार साहू, छबि लाल साहू, सतनामी समाज अध्यक्ष बी.आर. मौर्य, पार्षद विक्की चंद्राकर, हरीश नायक, विधायक प्रतिनिधि गोविन्द साहू, केशव महिपाल, पूर्व सभापति लुमेश्वर चंद्राकर, पार्षद रोहित धनकर, योगेश महिपाल, महिला अध्यक्ष शिवकुमारी जोशी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, समाज के पदाधिकारी और सतनामी समाज के लोग उपस्थित रहे। आयोजन समिति की ओर से विधायक ललित चंद्राकर को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
