फर्जी ईडी अधिकारियों पर चला दुर्ग पुलिस का डंडा, महिला सहित 9 आरोपी महाराष्ट्र से गिरफ्तार, 1.25  करोड़ नकदी बरामद

दुर्ग के व्यापारी से फर्जी ईडी अधिकारी बनकर लूटे थे 2 करोड़ रुपए

फर्जी ईडी अधिकारियों पर चला दुर्ग पुलिस का डंडा, महिला सहित 9 आरोपी महाराष्ट्र से गिरफ्तार, 1.25  करोड़ नकदी बरामद

भिलाई। फर्जी ईडी अधिकारी बनकर अपहरण, एक्सटॉर्सन कर 2 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सनसनीखेज मामले का खुलासा पुलिस ने बुधवार को किया है। दुर्ग पुलिस द्वारा  घटना की सूचना के 2 घंटे के अंदर आरोपियों के नाम पता एवं फोटो की पहचान सुनिश्चित कर ली गई थी। 30 घण्टे के अंदर 3 आरोपियो को एवं 3 दिन के अंदर गिरोह के 9 प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। गिरफ्तार आरोपियों में महिलाएं भी शामिल हैं।
बुधवार को पत्रकारवार्ता में पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने बताया कि आरोपियों द्वारा पूर्व में महाराष्ट्र में सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी की गई थी लेकिन पुलिस द्वारा रुपए बरामद नहीं किए जाने के कारण आरोपियों को न्यायालय से बेल मिल गया था। जेल से छुटते ही आरोपियों ने प्लान बनाया और फर्जी ईडी अधिकारी बनकर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की व्यापारी से 2 करोड़ लूट लिए। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों से कुल नगदी रकम  1 करोड़ 25 लाख 16 हजार रुपये, 2 लाख 19 हजार रुपये की सोने की ज्वेलरी, 10 नग विभिन्न कंपनियों के एण्ड्रायड एवं की-पैड मोबाईल फोन, 1 लाख 20 हजार रूपये का परफ्यूम एवं अन्य सामान, 02 नग ईडी और सीबीआई अधिकारी के पदनाम का फर्जी आई कार्ड, फर्जी नंबर प्लेट, फ्रेस का आईडी सहित तकरीबन 1 करोड़ 43 लाख 55 हजार रूपये का बरामद की गई है। मुंबई के गोरेगांव, मुम्ब्रा, गुंजा, कोनगांव, पालघर, मानपाड़ा, अंधेरी पश्चिम, वर्तक नगर एवं नासिक के ओझर व डिंडोरी थाना क्षेत्रो में 1 हफ्ते तक चला लगातार ऑपरेशन चलाया गया। मुबंई व नासिक में एएसपी संजय ध्रुव एवं आईपीएस वैभव बैंकर के नेतृत्व में 6 टीमों ने लगातार चलाया  पता तलाश करते हुए अपराधियों को धर दबोचा। मुंबई एवं नासिक पुलिस का भी आरोपियों को पकडऩे में सहयोग प्राप्त हुआ।  सिर्फ मुंबई शहर के अंदर 2500 किलो मीटर से अधिक वाहन चलाते हुए शहर के चप्पे-चप्पे को छाना गया। गिरोह द्वारा पूर्व में भी इसी तरीका वारदात से मुंबई एवं कर्नाटक में 5 घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। पिछले 5 आरोपों में फरार गिरोह का सरगना हमिद पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा। जिस गिरोह से एकबार भी पैसो की बरामदगी नहीं हो पायी थी उसी गिरोह से दुर्ग पुलिस ने किये 70 फीसदी की बरामदगी की है। बाकी पैसो के भी बरामदगी के प्रयास किए जा रहे है। 
ज्ञात हो कि 27 जून को प्रार्थी अखिलेश उर्फ नवीन गुप्ता पिता स्व. बद्रीप्रसाद गुप्ता, 53 वर्ष निवासी प्लाट नंबर 5 जयंतीनगर सिकोला भाठा दुर्ग ने थाना मोहन नगर में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराया था कि रविन्द्र यादव से उसकी पुरानी जान पहचान थी जिसने एक प्लान सुझाया जिसमें अच्छा मुनाफा होने की बताया, जिसे मैं अभिषेक पाटनी को उक्त स्कीम के संबंध में बताया था। जो कि हम दोनों 1 करोड़ रूपये इन्वेस्ट करने के लिये तैयार हो गये तो उसके एजेंट ने बताया कि कम से कम 2 करोड़ इन्वेस्ट करना पड़ेगा। तब गजानंद वैरागढे ने कहा कि कंपनी का जो आदमी फंड चेक करने आयेगा वह इस वक्त बाहर गाड़ी में बैठा है। अगर आप 2 करोड़ का काम करने को तैयार हो तो मैं उसे बुला लेता हूं। प्रार्थी ने अपने साथी अभिषेक पाटनी, हरिशरण पांडेय, रविन्द्र यादव से इन्वेस्ट करने के बारे में पूछा तो सभी लोग 50-50 लाख रूपये इन्वेस्ट करने को तैयार हो गये। हां कहने पर गजानंद वैरागढ़े ने एक व्यक्ति को बुलाया जिसने अपना नाम गिरिश वालेचा निवासी मुंबई का होना बताया और उसने प्रार्थी को इंडस टॉवर लिमिटेड कंपनी का पोर्टफोलियो एवं अपना कंपनी का आईडी कार्ड दिखाया। उसने अपनी कंपनी का खाता नंबर भी दिया जिसको चेक कराने पर उसमें पर्याप्त रकम बैलेंश होना भी पता चला। जिससे प्रार्थी व साथियों को भरोसा हो गया। फंड ट्रांसफर करने के लिये 27 जून का दिन तय किया। इसके अनुसार प्रार्थी अलग-अलग 5 थैलों में 2 करोड़ रूपये इकटठा करके रखे थे। कुछ देर बाद गजानंद वैरागढे के साथ में कंपनी का आदमी गिरीश वालेचा ऑफिस पारख काम्पलेक्स पहुंचा। कैश को चेक किया और किसी व्यक्ति को फोन करके बताया। तभी कुछ देर में अचानक ऑफिस के अंदर 5 आदमी आये जो कि सफेद शर्ट, खाकी पैंट पहने हुये थे जो अपने आप को ईडी का ऑफिसर होना बता रहे थे और ब्लैकमनी को ट्रांसफर कर मनी मनीलॉण्ड्रिग का कारोबार कर रहे हो तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करेंगे कह कर धमकाने लगे। प्रार्थी एवं गिरीश वालेचा को साथ लेकर पांचों थैले में रखे 2 करोड़ रूपये नगदी को साथ लेकर काले रंग की स्कॉरपियो वाहन क्रमांक एमपी 03 जेड 7411 में बिठाकर नगदी से भरे बैगों को रखकर राजनांदगांव की ओर ले गये। रास्ते में ठाकुर टोला टोल प्लाजा के पास प्रार्थी को गाड़ी से उतारकर गिरीश वालेचा को साथ लेकर चले गये। कुछ देर बाद प्रार्थी को समझ में आया कि गिरीश वालेचा ने उक्त सभी व्यक्तियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से उसके  साथियों ने ईडी का अधिकारी बनकर मनीलॉण्ड्रिग के केस में जेल भेज देने की धमकी देकर प्रार्थी व साथियों के साथ 2 करोड़ रूपये की ठगी की है। रिपोर्ट पर थाना मोहन नगर में धारा 419, 420, 384, 389, 365,120-बी,170 , 34 के तहत अपराध दर्ज करते हुए विवेचना में लिया गया।
  उक्त सनसनीखेज घटना को गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा द्वारा आरोपी की शीघ्र पतासाजी कर माल बरामदगी करने हेतु निर्देशित किया गया।  अतिरक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय ध्रुव एवं नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग वैभव रमनलाल बैंकर, उप पुलिस अधीक्षक (सायबर) प्रभात कुमार, उप पुलिस अधीक्षक (अपराध) राजीव शर्मा  के मार्गदर्शन में ए.सी.सी.यू प्रभारी निरीक्षक संतोष मिश्रा व थाना प्रभारी मोहन नगर निरीक्षक विपिन रंगारी एवं थाना प्रभारी छावनी नवी मोनिका पाण्डेय के नेतृत्व में एसीसीयू एवं थाना मोहन नगर की संयुक्त एसआईटी टीम गठित कर कार्रवाई हेतु लगाया गया था। 
टीम द्वारा घटना स्थल का सुक्ष्मता से निरीक्षण कर प्रकरण से संबंधित प्रार्थी एवं अन्य व्यक्तियो से विस्तृत पूछताछ कर जरूरी जानकारी जुटायी गयी, घटना स्थल एवं उसके आस-पास के प्रतिष्ठानों, आवागमन के मार्गो, रूकने के ठिकानो, होटल/लॉज में लगे सीसीटीवी कैमरों की फूटेज का सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाकर जानकारी एकत्र की गयी। दुर्ग रेलवे स्टेषन के आस-पास के ठहरने के स्थान होटल/लॉज की चेकिंग की गयी। इस दौरान एवलॉन होटल दुर्ग में मुख्य संदेही गिरीश वालेचा का आधार कार्ड प्राप्त हुआ। जिसे गूगल पर सर्च करके देखने पर ज्ञात हुआ की गिरीश वालेचा द्वारा अपने 7 अन्य साथियों के साथ मिलकर सितंबर 2022 में खुद को सीबीआई ऑफिसर बताकर गोरेगांव मुंबई थाना क्षेत्रांतर्गत ठगी की घटना को अंजाम दिया गया है जिसमें उन्हे गिरफ्तार किया गया था। उक्त जानकारी प्राप्त होने पर थाना गोरेगांव जिला ठाने महाराष्ट्र से संपर्क किया गया, गोरेगांव पुलिस से उक्त घटना में गिरफ्तार आरोपियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की गईश गोरेगांव पुलिस से प्राप्त जानकारी के आधार पर दुर्ग मे घटना स्थल के आस-पास मिले संदेहियों के फूटेज का मिलान करने पर आरोपियों की पहचान मुंबई निवासी गिरीश वालेचा जीवा आहिर, किशोर चौबल के रूप में सुनिश्चित हुई। उक्त संदेहियो के मोबाईल नंबर प्राप्त कर उनके मोबाईल नंबरों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर तकनीकी विश्लेषण किया गया जिससे उनकी उपस्थिति मुंबई महाराष्ट्र में होना पता चला। टीम को मुंबई महाराष्ट्र रवाना किया गया। 
टीम द्वारा मुंबई में आरोपी गिरीष श्रीचंद वालेचा को घेराबंदी कर पकड़ा गया जिससे घटना के संबंध में पूछताछ करने पर दुर्ग के व्यापारी अखिलेश गुप्ता के साथ अपने मुबंई निवासी साथियों अब्दुल हमिद सैय्यद उर्फ श्रीधर पिल्ले, जीवा आहिर, रोहित पाठक उर्फ ठाकुर, मंगल पटेल, कृष्णा श्रीमाली उर्फ जेठा, किशोर चौबल उर्फ कैलाश एवं नासिक निवासी संजय आईरे उर्फ विजय एवं अन्य साथी राशिद, शाहिद, हासिम उर्फ  आशू एवं गिरीश की पत्नी नगमा मोहम्मद हुसैन अंसारी के साथ मिलकर संयत्र रच कर योजनाबद्ध तरिको से ईडी अधिकारी बनकर प्रार्थी को मनीलांड्रिंग के केस मे जेल भेज देने की धमकी देकर अपहरण कर 02 करोड रूपये की ठगी करना स्वीकार किया। जिससे प्रकरण के अन्य आरोपी अब्दुल हमिद सैय्यद उर्फ श्रीधर पिल्ले, जीवा आहिर, रोहित पाठक उर्फ ठाकुर, मंगल पटेल, कृष्णा श्रीमाली उर्फ जेठा, किषोर चौबल उर्फ कैलाष, संजय आईरे उर्फ विजय एवं नगमा को मुंबई एवं नासिक से अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया। उपरोक्त आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई महाराष्ट्र से ट्रांजिट रिमाण्ड हासिल कर लाया गया है। आरोपियों के विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही थाना मोहन नगर से की जा रही है।
इस कार्रवाई में एसीसीयू से सउनि शमित मिश्रा, चंद्रशेखर सोनी, पूर्ण बहादुर, प्र.आर.चंद्रशेखर बंजीर, आरक्षक प्रदीप सिंह ठाकुर, धीरेन्द्र यादव, नितिन सिंह, विक्रान्त कुमार, पंकज चतुर्वेदी, राजकुमार चंद्रा, चित्रसेन साहू, शाहबाज खान, पन्ने लाल, रिंकू सोनी, जगजीत सिंह, जावेद हुसैन, अभय राय, निखिल साहू, महिला आरक्षक आरती सिंह सिविल टीम दुर्ग से आरक्षक जावेद खान, गौर सिंह एवं थाना मोहन नगर से सउनि प्रमोद सिंह, प्र.आर.शहीद खान, मनीष अग्निहोत्री आरक्षक देवव्रत ठाकुर की उल्लेखनीय भूमिका रही।
इन आरोपियों को किया गया है गिरफ्तार
गिरीश श्रीचंद वालेचा पिता श्रीचंद लक्ष्मण दास वालेचा उम्र 30 वर्ष निवासी लेक स्योर ग्रीन अपार्टमेंट पलावा सिटी फेस 02 मकान नंबर 1502 ईलाट एस बिल्डिंग 15वीं मंजिल थाना मानपाडा डोमबेली जिला ठाणे मुबंई महाराष्ट्र, अब्दुल हमिद सैय्यद पिता सैय्यद अहमद उम्र 39 वर्ष पता ग्रेस स्कायर बिल्डिंग ब्लाक नंबर ए-7 फ्लैट नंबर 404 चौथी मंजिल मुम्ब्रा जिला ठाणे मुंबई महाराष्ट्र, जीवा आहिर पिता अर्जुन आहिर उम्र 54 वर्ष पता खुशबू बिल्डिंग प्लाट नंबर 303 तीसरा मंजील, बी विंग लोकमान्य नगर पाड़ा नंबर 04 थाना वर्तक नगर जिला ठाणे वेस्ट मुबंई महाराष्ट्र, मंगल पटेल पिता फूलचंद पटेल उम्र 42 वर्ष पता रूम नंबर 110 राज निकेतन निवास प्रगति नगर 90 फीट रोड पालघर (महाराष्ट्र), कृष्णा श्रीमाली पिता चंद्रशेखर श्रीमाली उम्र 41 वर्ष पता लोखण्डवाला जूना महड़ा श्री साई सोसायटी चाल नंबर 147 मकान नंबर 01 लोखण्डवाला अंधेरी वेस्ट एमटीएनएल ऑफिस के बाजू में थाना डी.एन.नगर जिला मुंबई महाराष्ट्र, किशोर चौबल पिता शांताराम चौबल उम्र 55 वर्ष पता सनटेक वेस्ट वल्र्ड बिल्डिंग फ्लैट नंबर 603, नंबर 1-बी नवागांव ईस्ट तालुका बसई जिला पालघर महाराष्ट्र, संजय आईरे पिता पंढऱनाथ आईरे उम्र 41 वर्ष पता ग्राम अखराली कोलीवाड़ा मराठी स्कूल के बाजू मे तहसील डिंडोरी थाना डिंडोरी जिला नासिक महाराष्ट्र, रोहित पाठक पिता रामबदल पाठक उम्र 31 वर्ष अस्थाई पता श्याम कॉम्पलेक्स बी विंग रूम नंबर 103 विजय पार्क मीरा रोड पूर्व थाना मीरा रोड जिला ठाणे महाराष्ट्र पता कलानीखुर्द पोस्ट अमारी बजार थाना छावनी जिला बस्ती उ.प्र. तथा  नगमा मोहम्मद हुसैन अंसारी पति गिरिष श्रीचंद वालेचा उम्र 31 वर्ष पता लेक स्योर ग्रीन अपार्टमेंट पलावा सिटी फेस 02 मकान नंबर 1502 ईलाट एस बिल्डिंग 15वीं मंजिल थाना मानपाडा डोमबेली जिला ठाणे मुबंई महाराष्ट्र शामिल हैं।