घरों में कुत्ता पालने अनुमति जरूरी, छत्तीसगढ़ प्रदेश में अब तक नहीं बना कोई गाइड लाइन 

क्राइम डॉन से चर्चा के दौरान दुर्ग जिले के अधिकारियों ने जाहिर की अनभिज्ञता

घरों में कुत्ता पालने अनुमति जरूरी, छत्तीसगढ़ प्रदेश में अब तक नहीं बना कोई गाइड लाइन 

सुभांकर रॉय

भिलाई (सीडीएन)। इंसान का सबसे वफादार साथी कुत्ता होता है। जो अपने मालिक के लिए जान देने और जान लेने तक अमादा रहते हैं। इसलिए आज भी लोग अपने घरों की रखवाली का काम कुत्तों को ही देंतें है लेकिन क्या आप जानतें है कुछ ऐसे कुत्तें हैं जो स्वभाव से काफी खतरान होते हैं जिसे लोगों ने अपने घरों में पालकर रखे रहे हैं। इससे घर सहित बाहर के लोगों को भी जान का खतरा है। ताज्जुब की बात है कि इस विषय पर दुर्ग जिला सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश में अब तक शासन का कोई गाइड लाइन ही नहीं बना है। शायद घरों में पाले गए खतरनाक पालतु कुत्ते द्वारा किसी की जान लिए जाने का इंतहार है। देश के कई अन्य प्रदेशों में घरों में कुत्ते पालने को लेकर पूर्व में गाईड लाइन जारी किए जा चुके है। इस विषय में क्राइम डॉन ने जब जिले के अधिकारियों से चर्चा की तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की।
दुर्ग जिले में कई लोग शौक के कारण घरों में पिटबुल, अमेरिकन बुली, रॉटविलर, साइबेरियन हस्की, डाबरमैन, पिंस्चर, बॉक्सर आदि खतरनाक किस्म के डॉग घरों में पाल रखे हैं। स्वभाव से ही हिंसक होने के कारण यह घर के सदस्य व बाहरी लोगों पर अक्सर हमला करते हैं। यह कुत्ते गर्म स्वभाव के होते हैं और जल्द ही घर के सदस्यों को नुकसान पहुंचाते हैं। कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद 5 फीसदी लोग ही शिकायत करने थाने पहुंचते हैं और 95 फीसदी लोग बाहर ही आपस में समझौता कर लेते हैं। दुर्ग जिले में कई लोगों द्वारा महंगे व खुंखार किस्म के कुत्तों का व्यवसाय कई वर्षों किया जा रहा है। इस ओर भी प्रशासन का ध्यान नहीं है।
ज्ञात हो कि लखनऊ में बुधवार को पिटबुल नस्ल के डॉग ने अपने मालिक पर जानलेवा हमला करते हुए मौत के घाट उतार दिया था।

कोई जानकारी नहीं-लोकेश चन्द्राकर
इस विषय में नगर निगम भिलाई के आयुक्त लोकेश चन्द्राकर से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें इस विषय में कोई जानकारी नहीं है।

नगर निगम अधिनियम में कोई गाइड लाइन नहीं-धर्मेन्द्र मिश्रा
नगर निगम भिलाई के स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेन्द्र मिश्रा ने कहा कि लोग घरों में कुत्ता क्यों पालते हैं। यह खतरनाक जानवर है। इसे नहीं पालना चाहिए। उन्होंने बताया कि नगर निगम अधिनियम में इस विषय में कोई गाइड लाइन नहीं है।