रंजीत के परिजनों का आरोप, बेटे के हत्या में 18 से 20 लोग थे शामिल, पुलिस ने सिर्फ 8 को पकड़ा

रंजीत के परिजनों का आरोप, बेटे के हत्या में 18 से 20 लोग थे शामिल, पुलिस ने सिर्फ 8 को पकड़ा

भिलाई। मृतक रंजीत के परिजनों ने पुलिस कार्रवाई पर कई गंभीर आरोप लगाए है। रंजीत के पिता ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बेटे की हत्या में करीब 18 से 20 लोग शामिल थे, लेकिन पुलिस द्वारा सिर्फ 8 लोगों को पकड़कर खानापूर्ति की है। इस हत्याकांड में इलयाज खान, टिपू, कयूम खान, लक्की, पिटर, बॉबी बिहारी के भी शामिल होने की बात मृतक के परिजनों ने की है।

मृतक रंजीत


बुधवार 27 जुलाई को आयोजित पत्रकारवार्ता में मृतक रंजीत की मां कमलजीत कौर निवासी शारदा पारा, जेपी नगर कैम्प-2 भिलाई ने पुलिस की कार्रवाई पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र का महादेव सट्टा से कोई लेनदेन नहीं है। फिर भी पुलिस ने इस मामले को महादेव सट्टा से जोड़ दिया। महादेव सट्टा से जुड़े लोग किस ठाठ से जीते हैं यह सभी जानते है। वे अलिशान घरों में रहते हैं और बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में घुमते हैं, हमारा परिवार गरीबी में जी रहे है। मेरे 19 साल के पुत्र ने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया कि उसकी निर्मम हत्या कर दी गई?
 उन्होंने कहा कि उनके पुत्र के हत्या में और भी कई लोग शामिल है जो आज खुले में घुम रहे हैं। मृतक रंजीत के घरवालों ने जान का खतरा बताया। मृतक रंजीत के पिता जागीर सिंह पुल्लर ने कहा कि टीपू उर्फ गुरदीप इशारा करता हुआ वीडियो में दिख रहा है। लोकेश पांडे ने मेरे पुत्र को घर से बाहर निकालने के लिए शुभदीप सिंह उर्फ पीटर को 4.50 लाख रुपए भी दिये थे। इससे पीटर ने एक पिस्टल भी खरीदा है।

श्रीमती कमलजीत कौर ने कहा कि उनके पति जागीर सिंह पुल्लर पेशे से ट्रक ड्रायवर है। दो पुत्री और एक पुत्र रंजीत था। रंजीत का विगत 18 जून को रात करीब 11.30 बजे कुछ लोगों ने मिलकर हत्या कर दी थी। रंजीत अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ा था और परिवार का एकलौता कमाऊ बेटा था। उन्होंने बताया कि 18 जून को शाम 6 बजे शुभदीप सिंह उर्फ पीटर, देवा उर्फ बछड़ा घर आए और रंजीत को अपने साथ ले गए। रंजीत उनके साथ उनकी ही स्कूटी पर बैठकर निकला था। इसके बाद रात करीब 1.30 बजे लक्की सिंह और रजत सिंह घर आए और बताया कि रंजीत की हत्या कर दी गई है। लाश को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला के मर्चुरी में रखा गया है। इस मामले में पुलिस ने सिर्फ 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन इस हत्या में 18 से 20 लोग और शामिल थे। सीसीटीवी फुटेज में और भी लोगों के चेहरे नगर आ रहे है। शेष आरोपी आजाद घूम रहे है। हत्या हुए 39 दिन हो गए है बावजूद कई आरोपी आज भी पुलिस पकड़ से बाहर है। जिसके कारण मृतक रजींत के घर वालों को भी जान का खतरा है। मृतक रंजीत के परिजनों ने मांग की है कि रंजीत की हत्या क्यों की गई, इसका कारण स्पष्ट हो? क्या रंजीत की हत्या की योजना जेल में बनी थी, पुलिस इस पर जांच करें? क्या देवा उर्फ बछड़ा भी हत्या के साजिश में शामिल हैं?

ज्ञात हो कि विगत 18 जून को भाजयुमो नेता लोकेश पाण्डेय व उनके साथियों ने रंजीत सिंह (20 वर्ष) की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें  भाजयुमो नेता लोकेश पाण्डेय, अमन भारती, निखिल, निखिल साहू, बिसेलाल, चिन्टु, पिन्टु, सोना उर्फ जोश आब्राहम को गिरफ्तार किया है।