छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने दिया बड़ा बयान
रायपुर। रायपुर में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने प्रेस वार्ता ली है। इस दौरान राजनीति में धर्म की परिभाषा को लेकर कहा कि, राजनीति, राजधर्म, दंडनीति, अर्थनीति, छात्रधर्म ये पांचो पर्यायवाचक और एकार्थक हैं। उन्होंने आगे कहा कि, राजनीति के नाम पर ये अभिशाप हैं, राजनीति को ही राजधर्म कहते हैं। शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने बजरंग दल बैन करने को लेकर कहा कि, हनुमान जी निपट लेंगे,वो शूरवीर हैं।
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते धर्मांतरण के लिए राज्य सरकार और राज्यपाल को दोषी माना है। शंकराचार्य ने कहा कि राज्यपाल और राज्य सरकार अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं करते है, इसलिए धर्मांतरण बढ़ रहा है। हिन्दुओं को सेवा के नाम पर अल्पसंख्यक बनाया जा रहा है। इसके लिए हिन्दू खुद ही जिम्मेदार हैं। अपनी समस्या का निदान मिलकर करिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए एक समिति का गठन कीजिए। जिसमें विधायक, सांसद और पार्षद को जोड़िए। उनसे हर तीन महीने में उनके कार्यों के बारे में जानकारी लीजिए। वहीं राम के नाम पर सियासत करने पर कहा कि राजनीति राजधर्म का ही नाम है। परोपकार, सेवा और संयम धर्म की सीमा है। धर्म की सीमा का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं करनी चाहिए। इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण को लेकर कहा कि अभी पीएम मोदी और सीएम योगी श्रेय ले रहे हैं। यदि नरसिंह राव के कायर्काल में ह्यमैं हस्ताक्षर कर देता तो उसी समय मंदिर और मस्जिद बन जाता। शंकराचार्य ने रायपुर में 16 जून को होने वाले धर्मसभा में तीन मठों के मठाधीशों के आने पर कहा कि उन्हें मान्यता आप देंगे? कोई भी शंकराचार्य बनकर आ जाएगा तो उसे शंकराचार्य थोड़ी ही मान लेंगे। पूर्व में शंकराचार्य ने अपने जीवन काल में किसी को जीवित समय में शंकराचार्य घोषित नहीं किया, पुराने तो मेरे परिचित थे। नए मेरे परिचित नहीं हैं।
16 जून को रायपुर में होगी धर्म सभा, जुटेंगे तीन मठ के शंकराचार्य
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 81 वां प्राकट्य महोत्सव मनाने की तैयारी जोरों पर चल रही है। समाजसेवी बसंत अग्रवाल ने बताया कि रावाभाठा में शंकाराचार्य के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस पर 81वां प्राकट्य महोत्सव मनाया जाएगा। 16 जून को महाराज के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए रुद्राभिषेक एवं कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसमें 11 हजार लोग शामिल होंगे। इसके साथ ही शंकराचार्य आश्रम में धर्म सभा का आयोजन होगा। इसमें 21 हजार लोग शामिल होंगे। आपको बता दे कि, राजधानी रायपुर में परम पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 81 वाँ प्राकट्य महोत्सव मनाने की तैयारियां जोरों पर चल रही है। समाजसेवी बसंत अग्रवाल ने बताया कि, परम पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 81 वाँ प्राकट्य महोत्सव मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। बसंत अग्रवाल ने कहा कि दिनांक 16 जून को महाराज जी के दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना को लेकर रुद्राभिषेक एवं 11,000 लोगों की कलश यात्रा निकाली जाएगी इसके साथ ही राजधानी रायपुर के राँवा भाटा आयोजन किया जायेगा। शंकराचार्य आश्रम में 21000 लोगों की धर्म सभा का आयोजन किया जायेगा । पत्रकार वार्ता में परम पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने सनातन धर्म पर जोर दिया तथा पत्रकारों के पूछे गए सवालों का परम पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने जवाब दिया।