छत्तीसगढ़ के 14 जिलों के 47 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी, कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप
रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के दौरान कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की है। विभाग द्वारा 14 जिलों के 47 पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इन लापरवाह कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन, वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने तथा विभागीय जाँच की कार्यवाही की गई है।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी रोग के उन्मूलन के लिए राज्य में दो चरणों में सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान चलाया गया था। प्रथम चरण में मितानिनों द्वारा घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान कर उनकी सूची तैयार की गई थी। मितानिनों के द्वारा किए जा रहे कार्य की निगरानी व उनके द्वारा तैयार सूची के आधार पर संबंधित क्षेत्र के पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा मरीजों के घर पुनः भ्रमण कर परीक्षण किया जाना था। साथ ही टीबी और कुष्ठ के चिन्हांकित व संदेहास्पद मरीज यदि जांच के लिए निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र नहीं जा पाए, तो ऐसे मरीजों के घर जाकर सैम्पल एकत्रित कर नजदीकी डीएमसी या जांच केन्द्र तक पहुंचाया जाना था जिससे कि उन मरीजों की शीघ्र जांचकर रोग की पुष्टि होने पर पंजीकृत कर दवा प्रारम्भ की जा सके।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने अभियान के दौरान सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने को कहा था। स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री भीम सिंह ने सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के दौरान लापरवाही बरतने एवं गंभीरतापूर्वक काम नहीं करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर जांजगीर-चांपा जिले के नौ, सरगुजा के आठ, दंतेवाड़ा और महासमुंद के छह-छह, सूरजपुर, कबीरधाम और रायगढ़ के तीन-तीन, दुर्ग, कोंडागांव, बलरामपुर-रामानुजगंज और गरियाबंद के दो-दो तथा रायपुर, कोरबा एवं धमतरी के एक-एक पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के निलंबन, दो कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय जाँच एवं दो कर्मचारियों के वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की गई है।