मुसलमानों का आरक्षण लिंगायत और वोक्कालिगा में बांटा
कर्नाटक चुनाव से पहले बीजेपी सरकार का बड़ा दांव
बेंगलुरु(एजेंसी)। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने आरक्षण पर बड़ा फैसला लिया है। अन्य पिछड़े समुदायों (ओबीसी) की सूची से मुसलमानों को हटाकर उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (एहर) के लिए कोटे में समायोजित कर दिया है। वहीं, सियासी तौर पर महत्वपूर्ण लिंगायत और वोक्कालिगा जाति के लिए तय कोटे में 2 प्रतिशत की वृद्धि का ऐलान किया गया है। आपको बता दें कि कर्नाटक में मुसलमान पहले 2बी कैटेगरी के तहत आते थे। सीएम बोम्मई ने बताया कि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार मुसलमान अब ईडब्ल्यूएस कोटे में चले जाएंगे। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक संविधान में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
आपको बता दें कि कर्नाटक में अभी तक मुसलमानों को 4 प्रतिशत का कोटा मिलता आ रहा है। वहीं, अब यह हिस्सा वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच समान रूप से बांट दिया गया है। दोनों को 2-2 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण मिलेंगे। आपको बता दें कि अब लिंगायतों की हिस्सेदारी 5% से बढ़ाकर 7% हो गई। वहीं, वोक्कालिगाओं की हिस्सेदारी 4% से बढ़ाकर 6% की गई है। राज्य मंत्रिमंडल ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत लाने का फैसला किया है। यह फैसला विधानसभा चुनाव से पहले आया है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों का आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा। उन्हें बिना किसी शर्त में बदलाव के ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 10 प्रतिशत पूल के तहत लाया गया।