चीन को पछाड़ने के लिए अमेरिका, यूरोप को भारत जैसे देशों की है जरूरत
नई दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिका के शीर्ष सीनेटर चक शूमर ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि चीन को टक्कर देने के लिए अमेरिका और यूरोप को भारत जैसे देशों की जरूरत है। शूमर ने कहा कि तेजी से आक्रामक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सामने लोकतांत्रिक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है। वार्षिक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यूरोपीय लोगों और अंतर्राष्ट्रीय नेताओं को शूमर ने बताया कि वह अगले सप्ताह भारत में सीनेटरों के एक शक्तिशाली द्विदलीय समूह का नेतृत्व कर रहे हैं।
शूमर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा, 'हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करना चाहिए कि एक तेजी से आक्रामक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सामने लोकतांत्रिक अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था विघटित न हो। यह काम केवल अमेरिका और यूरोप का नहीं है। हमें भारत जैसे देशों की आवश्यकता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत के अंदर वह क्षमता है कि वह एशिया में रहते हुए चीन को मजबूती से टक्कर दे सकता है।'
शूमर ने आगे कहा, 'मैं भारत की यात्रा करूंगा और उन्हें वही संदेश दूंगा जो हम इस उभरते खतरे का मुकाबला करने के लिए चाहते हैं। मैं यूरोप से भी ऐसा करने का आग्रह करता हूं। भारत, अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं के साथ, चीन को मात देने में एक बहुत मजबूत भागीदार हो सकता है और भारत के शामिल होने से पश्चिमी साझेदारी लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के उद्देश्य को पूरा कर सकती है।'
द वाशिंगटन पोस्ट में लिखे एक लेख में शूमर ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उदय का सामना करने के लिए लोकतांत्रिक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत होना चाहिए। उन्होंने लिखा, यह काम अकेले अमेरिका और यूरोप का नहीं है। हमें भारत जैसे देशों की जरूरत है, जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और एशिया के अन्य लोकतंत्र हैं, ताकि वे चीन और उसके आक्रमणों को मात देने के लिए हमारे साथ काम कर सकें। उन्होंन कहा कि इस हफ्ते, मैं आठ अन्य सीनेटरों के साथ भारत की यात्रा करूंगा और अपने दोस्तों को भी यही संदेश दूंगा कि हम इस उभरते खतरे का मुकाबला करना चाहते हैं।