बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस, तीन हफ्तों में मांगा जवाब

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस, तीन हफ्तों में मांगा जवाब

नई दिल्ली(एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को सेंसर करने से रोकने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तीन हफ्तों में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को बीबीसी वृतचित्र 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को ब्लॉक करने के अपने फैसले से संबंधित प्रासंगिक रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा है। इस मामले पर सुनवाई अब अप्रैल में होगी। 
इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार एन राम, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एडवोकेट प्रशांत भूषण की ओर से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह एक ऐसा मामला है, जहां सार्वजनिक डोमेन में आदेश दिए बिना आपातकालीन शक्तियां लागू की गईं। उन्होंने बताया कि डॉक्यूमेंट्री के लिंक शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक कर दिए गए हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सरकार से इससे जुड़े आदेश की फाइल   मांग रहे हैं और इसकी जांच करेंगे।
वही, शीर्ष अदालत ने 30 जनवरी को कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी अगले सोमवार को सुनवाई करेगी।  

21 जनवरी को केंद्र ने लगाया था बैन
बता दें कि 21 जनवरी को केंद्र सरकार ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" को देश में प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, कई शिक्षण संस्थानों में छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को लेकर हंगामा किया है, जिस पर विवाद की स्थिति भी पैदा हुई है।

किरण रिजिजू ने की तल्ख टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर केंद्रीय कानून मंत्री ने तल्ख टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि इस तरह ये लोग माननीय सर्वोच्च न्यायालय का कीमती समय बर्बाद करते हैं, जहां हजारों आम नागरिक न्याय के लिए तारीखों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

डॉक्यूमेंट्री में क्या है, जिस पर विवाद हो रहा है? 
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने कल्ल्िरं: ळँी टङ्म्िर द४ी२३्रङ्मल्ल शीर्षक से दो पार्ट में एक नई सीरीज बनाई है। इसमें पीएम मोदी के शुरुआती दौर के राजनीतिक सफर पर बातें की गईं हैं। वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ उनके जुड़ाव, भाजपा में बढ़ते कद और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति की चर्चा भी इसमें की गई है। मोदी के मुख्यमंत्री रहते गुजरात में हुए दंगों का भी इसमें जिक्र है। इस हिस्से में गुजरात दंगों में पीएम मोदी की कथित भूमिका की बात कही गई है। इसी को लेकर विवाद हो रहा है।