कांग्रेस द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों की पैरवी करना छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय- विजय बघेल
मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके है: प्रेम प्रकाश पांडे
भिलाई। नकद, ज्वेलरी और भ्रष्टाचार के सारे सबूत मिलने के बाद भी कांग्रेस द्वारा अधिकारियों की पैरवी छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय है। ईडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी है। उक्त बातें 17 अक्टूबर को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद विजय बघेल ने कही।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ईडी के छापो एवं ईडी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के उपरांत प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि ईडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है। हम सब ने कभी सोचा भी नहीं था कि कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का किसानों का आम जनता का मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेट चढ़ाया जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार ने अपनी सारी से सीमाएं लांघ दी है यह छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए एक काला अध्याय हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने कहा की बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है। जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी राजनेता और बिचौलिए जुड़े है और छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली कर रहे है प्रतिदिन 2 से 3 करोड़ रु जबरन वसूले जा रहे है इस प्रकार हजारों करोड़ रु वसूली कर गलत कृत्यों में इस्तेमाल किए जा रहे है।
वैशाली नगर विधायक विद्यारतन भसीन ने ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए कहा ईडी ने करीब 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए गए हैं। भ्रष्टाचार करने के लिए बाकायदा नियम बदले गए कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई-परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया था। अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी। भ्रष्टाचार किस प्रकार से , किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है इसकी भी विस्तार जानकारी ईडी ने अपने प्रेस नोट में दी है।
15.7.22 से बिना किसी एसओपी के 30,000 से अधिक एनओसी जारी किए गए हैं। आवक और जावक रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया था। अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है। ट्रांसपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम आदि जैसे कई विवरण खाली छोड़ दिए गए हैं। तलाशी एवं जांच के दौरान श्री लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया। उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था। जिन अधिकारियों की शिकायत को आधार बनाकर मुख्यमंत्री जी ईडी पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं उनके घर 47 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए। जरा मुख्यमंत्री जी और सरकार बताएं अधिकारियों के पास इतने पैसे और सोना मिलने पर उन्हें आश्चर्य क्यों नहीं हुआ।
भाजपा ने उठाएं ये सवाल
1. ईडी के प्रेस नोट में विस्तार से भ्रष्टाचार की प्रक्रिया जब्त की गई बेहिसाब राशि आभूषण नकदी की जानकारी आने के बाद माननीय मुख्यमंत्री जी इस्तीफा कब देंगे?
2. भ्रष्टाचार मांगेंगे? के खिलाफ चल रही लड़ाई में बाधा बनने के लिए क्या मुख्यमंत्री जी क्या जनता से माफी
3. क्या कांग्रेस सरकार अब यह बताएगी कि अधिकारियों, राजनेताओं व्यापारियों का यह भ्रष्टाचार रैकेट 10 जनपथ दिल्ली में कितने रुपए पहुंचा रहा है?
4. अधिकारियों के घर से नकदी आभूषण और अनेक बेहिसाब चीजें मिलने के बाद भी अब तक उन पर निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं हुई है?
5. जो लोग सरकारी पदों पर या सरकार द्वारा मनोनीत है और जिन पर जांच हुई है उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया क्यों नही गया?