दुर्ग जिले में 15 से अधिक डीजे संचालकों पर मुकदमा दर्ज

3 दिन से लगातार कार्रवाई जारी, डीजे सहित मोडीफाइड वाहनों को किया गया जब्त

दुर्ग। पुलिस ने रात 10 बजे के बाद भी तेज आवाज में डीजे  बजाने वाले 15 से अधिक संचालकों पर कार्रवाई की है। 3 दिन से लगातार कार्रवाई करते हुए डीजे सहित मोडीफाइड वाहनों को किया गया थानो में जब्त की गई है।
पुलिस अधीक्षक दुर्ग शलभ सिन्हा ने बताया कि जिले भर के डीजे संचालकों की मीटिंग कंट्रोल रूम में ली गई थी। इसमें माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन हेतु बताया गया था। इसके बाद  डीजे संचालकों के द्वारा तय मानकों से ज्यादा एवं देर रात्रि अत्यंत तीव्र आवाज में डीजे का संचालन करते हुए पाए जाने पर 15 से अधिक डीजे जब्त कर कोलाहल अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई, यह कार्यवाही लगातार तीन दिवस से चल रही है जिसमे डीजे संचालकों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
रात्रि को 10 बजे से प्रात: 6 बजे के मध्य ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाना पूर्णत: प्रतिबंधित है। ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी मानक निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार ओद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय 75 डीबी और रात में 70 डीबी, वाणिज्य क्षेत्र में दिन में 65 और रात में 55 डीबी, आवासीय क्षेत्र में दिन में 55 और रात में 45 डीबी तथा शांत क्षेत्र में दिन में 50 और रात में 40 की लिमिट में होने चाहिए। डी. जे. का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है।
किसी भी वाहन में यदि मोडिफिकेशन किया जाता है, तो उसकी नियमानुसार अनुमति संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी / अनुविभागीय दण्डाधिकारी या क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से ली जानी आवश्यक है। मानक स्तर से अधिक उंची आवाज में यदि ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाया जाता उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसके लिए आयोजक एवं डी.जे. जिम्मेदार होंगे। मानक स्तर से अधिक आवाज में ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाये जाने की अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार, पुलिस निरीक्षक, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की टीम इनके खिलाफ कार्रवाई लगातार करेगी।