नशीली दवाओं के तस्कर विनोद तिवारी पर बड़ी कार्रवाई, तीन माह के लिए जेल भेजने का आदेश

दुर्ग। दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग के प्रतिवेदन पर स्वापक, औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ, अवैध व्यापार, निवारण अधिनियम-1988 की धारा-3 सहपठित धारा-11 के तहत न्यायालयीन आदेश पारित कर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त विनोद तिवारी पिता मारकण्डे तिवारी निवासी वृन्दानगर केम्प 01, वार्ड 29 शासकीय स्कूल के पास थाना वैशाली नगर तहसील व जिला दुर्ग को तीन माह की अवधि के लिए केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध करने हेतु आदेशित किया है। आदेश पारित करने के पूर्व संभाग आयुक्त द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत जवाब/तर्क एवं शपथपूर्वक कथन का अध्ययन तथा प्रकरण में प्रस्तुत ईश्तगासा मय दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।
तथ्य के अनुसार विनोद तिवारी पिता मारकण्डे तिवारी के विरूद्ध वर्ष 2022, 2023 व 2025 में लगातार नारकोटिक्स एक्ट के कुल 03 मामले एवं बीएनएस धारा 126, 135 (3) थाना वैशाली नगर में दर्ज कर कार्यवाही की गई। विनोद तिवारी के विरूद्ध दर्ज प्रकरण क्रमांक एनडीपीएस 309/2022 में 15 मार्च 2024 को न्यायालय द्वारा दोष मुक्त किया गया है। उक्त मामले में अनावेदक 15 दिसम्बर 2022 से 15 मार्च 2024 तक अभिरक्षा में रहा है। अपराध क्रमांक 2018/2023 में न्यायालय द्वारा अनावेदक को दोष मुक्त किया गया है तथा अपराध क्रमांक 62/2025 वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। अनावेदक जेल से जमानत पर छूट जाने के पश्चात् लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है तथा उसकी प्रवृत्ति में कोई सुधार प्रतीत नहीं होता है। वर्तमान में भी अनावेदक के विरूद्ध शराब व गांजा सहित अन्य मादक पदार्थ भी बेचने की शिकायत भी लगातार मिलती रही है। अनावेदक का जमानत पर न्यायालय से छूट जाने से उसका मनोबल बढ़ता जा रहा है। अनावेदक अवैध रूप से शराब व नशीली टेबलेट जैसे पदार्थ का अवैध व्यापार करने का आदी हो गया है। अनावेदक के आपराधिक गतिविधियों से समाज में रहने से विपरीत प्रभाव पढ़ने से संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, ऐसी स्थिति में प्रकरण में आये प्रतिवेदन, जवाब, साक्षियों के बयान एवं तर्क के आधार पर विनोद तिवारी को केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध किया जाना आवश्यक है।
ज्ञात हो कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग के प्रतिवेदन के अनुसार अनावेदक विनोद तिवारी स्वापक एवं मनःप्रभावी पदार्थों के अवैध संग्रहण विक्रय करने आदतन आपराधी एवं तस्कर है। अनावेदक एवं उनके साथीदारान के सदस्यों का आम जनता में इतना भय एवं आतंक है कि इसके विरूद्ध कोई व्यक्ति गवाह बनने या सूचना देने को तैयार नहीं है। अनावेदक अवैध रूप से गांजा एवं नशीली दवाइयों के विक्रय में संलिप्त है तथा नाबालिग एवं युवा वर्ग को गांजे की पुड़िया एवं नशीली दवाइयां विक्रय करने से समाज में नाबालिग, युवा वर्ग एवं मजदूर वर्ग के लोग नशे की गिरफ्त में है। उनका यह कृत्य स्वस्थ्य एवं समाज के लिए हानिकारक है। संभाग आयुक्त श्री राठौर ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए 08 सितम्बर 2025 को न्यायालयीन आदेश पारित कर आपराधिक प्रवृत्ति में संलिप्त विनोद तिवारी को केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध किये जाने की तिथि से 03 माह तक की अवधि के लिए निरूद्ध करने आदेशित किया है।