भिलाई के मित्तल अस्पताल पर लगाया आयुष्मान कार्ड में उपचार के नाम धोखाधड़ी का आरोप, एठ लिए करीब 2.50 लाख रुपए नगद, बिल भी नहीं दिया

मां के मौत के बाद न्याय पाने दर दर भटक रहा युवक

भिलाई के मित्तल अस्पताल पर लगाया आयुष्मान कार्ड में उपचार के नाम धोखाधड़ी का आरोप, एठ लिए करीब 2.50 लाख रुपए नगद, बिल भी नहीं दिया

कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कार्रवाई व पैसे दिलाने की मांग
युवक ने कहा जिला अस्पताल के अधिकारी निष्पक्ष जांच में नहीं कर रहा सहयोग, ले रहा अस्पताल प्रबंधन का पक्ष

मृतका सुहागा बाई 

मृतका का पुत्र कमलेश दास मानिकपुरी


भिलाई। शुक्रवार को एक युवक ने कहा कि भिलाई स्थित मित्तल अस्पताल ने आयुष्मान कार्ड में इलाज होने के नाम पर उसकी बीमार मां को भर्ती कर करीब 2.50 लाख रुपए नगद एंठ लिया और बिल भी नहीं दिया। युवक ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही युवक ने यह भी कहा कि जिला अस्पताल दुर्ग के सीएमएचओ द्वारा जांच के नाम पर अस्पताल का पक्ष ले रहा है।  युवक ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की भी मांग की है ताकि सच्चाई लोगों के सामने आ सके।

चिकलाकसा जिला बालोद थाना दल्ली राजहरा में निवास कमलेश दास मानिकपुरी पिता तिलक दास मानिकपुरी  ने बताया कि उनकी माँ सुहागा बाई को ईलाज के लिए 16 जुलाई को रात्रि 10 बजे मित्तल अस्पताल नेहरू नगर भिलाई में भर्ती कराया। भर्ती करते वक्त कहा गया था कि आयुष्मान कार्ड में उपचार होता है। डॉ. तनमय  ने कहा था कि भर्ती के वक्त मात्र 6000 रुपए देना होगा फिर पूरा इलाज आयुष्मान कार्ड से मुफ्त में होगा। यह झांसा देकर माँ को भर्ती करवाया फिर 50 हजार रुपए ऑपरेशन के नाम से जमा करवाया और जब रसीद मांगी तो नहीं दिया। अनुरोध के बाद भी कोई बिल नहीं दिया गया। फिर दवाई के नाम पर कभी 5000 रुपए तो कभी 10000 रुपए की दवाई मंगाई जाती पर दवाई का भी कोई बिल नहीं दिया गया और लास्ट में यहां कहा गया कि आपने यहां से कोई दवाई नहीं ली गई है जबकि इन सभी की विडियाग्राफी मौजूद है। इस तरह इलाज के नाम पर मुझसे लगभग 2 लाख 50 हजार रुपए ले लिया गया। अंत में मेरी माता जी की मृत्यु पश्चात जब मैं और मेरे परिजन एवं परिचित वहां पहुंचे तो दुव्र्यवहार किया गया। तब पुलिस ने आकर बीच बचाव कर  समझा बुझाकर यहां कहा  कि अभी अंतिम संस्कार कर लो उसके बाद दो चार दिन बाद आकर आप पूरी जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं कलेक्टर सहाब को आवेदन देकर निष्पक्ष जांच एवं उचित कार्यवाही कर उन पर आयुष्मान कार्ड के नाम पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के लिए अश्वासन दिया गया। लेकिन आज तक कोई न्याय नहीं मिला। दर दर भटकना पड़ रहा है।