आरोपियों के घरों को गिराने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई, प्रशासन को भी फटकार

आरोपियों के घरों को गिराने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई, प्रशासन को भी फटकार

मुंबई। नागपुर हिंसा मामले में दो आरोपियों के घरों को गिराने की प्रशासनिक कार्रवाई पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने रोक लगा दी है। वहीं अदालत ने इस मामले में प्रशासन के रवैये को मनमाना और दमनकारी बताते हुए कड़ी फटकार भी लगाई। हालांकि, कोर्ट का आदेश आने से पहले ही फहीम खान के दो मंजिला घर को तोड़ा जा चुका था। वहीं, कोर्ट के आदेश के बाद यूसुफ शेख के घर के अवैध हिस्से को तोड़ने की कार्रवाई रोक दी गई। बता दें कि, नागपुर में हुई हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने आरोपियों के घरों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी, जिसे लेकर अदालत में चुनौती दी गई थी। इस मामले की अगली सुनवाई जल्द होने की संभावना है। बता दें कि, फहीम खान 'माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी' (एमडीपी) के नेता हैं। उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है और वे 17 मार्च की हिंसा में शामिल 100 से ज्यादा गिरफ्तार लोगों में शामिल हैं।  

बता दें कि अपने घरों की तोड़फोड़ के खिलाफ फहीम खान और यूसुफ शेख ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इस पर जस्टिस नितिन साम्बरे और वृषाली जोशी की बेंच ने सुनवाई करते हुए सवाल किया कि बिना सुनवाई के घरों को कैसे तोड़ा गया? फहीम खान के वकील अश्विन इंगोले ने बताया कि कोर्ट ने सरकार और नगर निगम से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी। अगर तोड़फोड़ अवैध पाई गई, तो नुकसान की भरपाई प्रशासन को करनी होगी।