भिलाई: दुकान और जमीन नामांतरण के नाम पर 42.40 लाख रुपए की ठगी, दो अलग-अलग मामलों में 420 का अपराध दर्ज
भिलाई। दुकान वह जमीन नामांतरण के नाम पर 42 लाख 40 हजार रुपए की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। दोनों ही मामले में पुलिस ने 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को जांच में लिया है।
पहला मामला नेवई थाना क्षेत्र कहां है। जहां 24 लाख 40 हजार रुपए देने के बाद भी दुकानों का नामांतरण नहीं किया गया। मिली जानकारी के अनुसार रिसाली निवासी बीएसपी कर्मी प्रशांत जैन ने शिकायत किया है कि सेक्टर 10 जोनल मार्केट में स्थित दो दुकान का स्मामित्व राजेन्द्र प्रसाद चौक शांति नगर सुपेला निवासी ज्योति सिंह पति राकेश सिंह के नाम पर है। जिसे बेचने के लिए पीड़ित के साथ 15 जनवरी 2021 को 30 लाख रुपए में सौदा हुआ। रुपए लेने के बाद भी महिला ने आज तक पीड़ित के नाम दुकान का ट्रांसफर नहीं किया है। दुकान शाप नंबर 332 क्षेत्रफल 450 वर्गफीट, शाप नंबर 333 क्षेत्रफल 450 वर्गफीट में बना हुआ है। जिसका लीज ज्योति सिंह के नाम पर है। दुकान खरीदने के लिए बयाना स्वरुप 24 लाख 40 हजार रुपए पीड़ित दे चुका है। एक वर्ष से अधिक समय होने के बाद भी ज्योति सिंह, पुत्र विशाल सिंह से भिलाई इस्पात संयंत्र के अभिलेख में सौदा शाप को पीड़ित के नाम से ट्रांसफर नहीं कराया गया है।
वही दूसरे मामले में मकान क्रय करने इकरारनामा करने के बाद आज तक पीड़ित को कब्जा नहीं मिल पाने का मामला सामने आया है। घटना की शिकायत पर पुलिस ने धारा 420 के तहत कार्रवाई किया है। मिली जानकारी के अनुसार प्लाट नंबर 31 सड़क 3 एच प्रगति नगर रिसाली निवासी प्रशांत जैन ने शिकायत किया है कि मकान नंबर 78 वार्ड नंबर 12 सुंदर नगर वैशाली नगर निवासी मंजीत कौर के स्वामित्व के मकान जामुल में है। जिसे खरीदने के लिए 20 लाख रुपए में क्रय करने का इकरारनामा किया। उसके बाद पीड़ित ने बयाना की राशि के रुप में 18 लाख रुपए नगद, चेक, आरटीजीएस के माध्यम से दिया गया। लेकिन विक्रेता द्वारा इकरारनामा के शर्तो के अनुसार मकान का कब्जा आज तक नहीं मिल पाया है। मंजीत कौर के द्वारा बयाना की राशि हड़पने की नियत से ठगी किया। प्रशांत जैन स्वत: के आय रिश्तेदारों से कर्ज लेकर आवासीय मकान मौजा जामुल में स्थित हैं। मकान नंबर 78 वार्ड नंबर 12 सुंदर नगर वैशाली नगर निवासी विक्रेता मंजीत कौर पति हरप्रीत सिंह दुर्ग के स्वामत्वि में है। 20 लाख रूपये में क्रय करने का सौदा संजय जैन, श्रेयांश जैन के माध्यम से पक्का किया। 31 जनवरी 2022 को 18 लाख रुपए दिया गया। इकरारानामा के एक माह के भीतर भी मकान का कब्जा नहीं मिला। पीड़ित ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से विक्रेता के बताये पते पर नोटिस भी भेजा गया। लेकिन पता गलत था और आवासीय मकान में ताला जड़ा हुआ था। दोनों ही मामलों में पुलिस अपराध दर्ज कर विवेचना फार्म कर दिया है।