जन्मदिन विशेष: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां

जन्मदिन विशेष: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां

भिलाई। आज 23 अगस्त छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी का जन्म दिवस है। क्राइम डॉन टीम की ओर से उन्हें बधाई और शुभकामनाएं। कई लोग हैं जो आज भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के जीवन परिचय अवगत नहीं है। तो आइए आज के इस विशेष अंक में हम आपको मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जीवन परिचय से अवगत कराते हैं।

पूरा नाम भूपेश कुमार बघेल,
पार्टी-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राजनीतिक यात्रा-वर्ष 1985 में वह भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) में शामिल हुए। वर्ष 1990 में वह भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के अध्यक्ष बने और 1994 तक इस पद पर कार्य किया। वर्ष 1993 में वह पाटन निर्वाचन क्षेत्र से मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 1994 में भूपेश बघेल को मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया और एक वर्ष तक उन्होंने इस पद पर कार्य किया। वर्ष 1998 में मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में वह दोबारा से पाटन से चुने गए और दिग्विजय सिंह की सरकार में राज्य मंत्री (लोक शिकायत विभाग में) नियुक्त किए गए। उसी सरकार में उन्हें दिसंबर 1999 में परिवहन मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया। जनवरी 2000 में उन्हें मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त गया और जब छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया, तो बघेल राजस्व, लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और राहत कार्य के पहले मंत्री बने और 2003 तक इस पद पर बने रहे। वर्ष 2003 में पाटन निर्वाचन क्षेत्र से छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य बने और 2008 तक विपक्ष के उपनेता रहे। वर्ष 2014 में भूपेश बघेल को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
गृहनगर दुर्ग छत्तीसगढ़, स्कूल/विद्यालय एच.एस.स्कूल मर्रा पाटन दुर्ग से हायर सेकेंडरी वर्ष 1978 में, कॉलेज/विश्वविद्यालय पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, शैक्षिक योग्यता स्नातक और स्नातकोत्तर 1983-1986, धर्म हिन्दू, जाति कुर्मी,पता मानसरोवर आवासीय परिसर, भिलाई 3, तहसील - पाटन, जिला - दुर्गा
शौक/अभिरुचि- पढ़ना, लिखना, और संगीत सुनना

भूपेश बघेल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
भूपेश बघेल एक भारतीय राजनेता हैं जिन्हें छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है।
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ प्रदेश के ओबीसी समुदाय के सबसे बड़े नेता हैं। किसान परिवार से ताल्तुल रखने वाले बघेल किसानों से खास लगाव रखते हैं।
भूपेश बघेल 1980 के दशक से यूथ कांग्रेस के सक्रीय सदस्य हैं।
वह अपने राजनीतिक शुरुआत में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य बने।
भूपेश बघेल 1993 से छत्तीसगढ़ के मानव कुर्मी क्षत्रिय समाज के संरक्षक हैं।
वर्ष 1993 में उन्होने पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पाटन निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीत हासिल की।

भूपेश बघेल ने वर्ष 1993 से लेकर 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के निर्देशक के रूप में काम किया।
बघेल वर्ष 1990 से 1994 तक जिला युवा कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे।
वह कई वर्षों से न्यूनतम खर्च के साथ विवाह को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक विवाह समारोह आयोजित करते आ रहे हैं।
जब साल 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ एक अलग राज्य बना और कांग्रेस की सरकार बनी तो जोगी सरकार में भूपेश कैबिनेट मंत्री रहे।
बघेल 2018 में राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किया।
उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल प्रसिद्ध हिंदी लेखक डॉ नरेंद्र देव वर्मा की बेटी और आध्यात्मिक नेता स्वामी आत्माानंद की भतीजी हैं।
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ प्रदेश के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं।
उन्हें पाटन से पांचवीं बार विधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया।


विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वह खेतों में काम कर रहे किसानों के बीच जाया करते हैं। एक बार तो उन्होंने किसानों से बात करते हुए उनके साथ धान की मिजाई भी की थी।
वह 90 के दशक के अंत में दिग्विजय सिंह सरकार में अविभाजित मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री थे।
वह छत्तीसगढ़ के पहले राजस्व, जन स्वास्थ्य यांत्रिकी और राहत कार्य मंत्री रहे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 2018 में कांग्रेस पार्टी ने अपने पदाधिकारियों और विधायकों को परिपत्र जारी करते हुए एक चेतावनी दी थी कि अगर किसी भी कांग्रेसी ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल के साथ, किसी भी गतिविधि में हिस्सा लिया तो उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
भूपेश बघेल ने 21 जुलाई 2020 को छत्तीसगढ़ सरकार के नेतृत्व में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण और शहरी स्तरों पर लोगों को नए रोजगार, पशु पालन, गो पालन, और गौ संरक्षण का सीधे-सीधे लाभ देने के लिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत की।