ऋषिकेश से केदारनाथ तक के पौराणिक मार्ग पर अब कर सकेंगे ट्रैकिंग
स्वामी विवेकानंद ने इसी रूट से की थी पदयात्रा
देहरादून (एजेंसी)। अब यात्री ऋषिकेश से केदारनाथ तक के पौराणिक मार्ग पर ट्रैकिंग कर सकेंगे। इस मार्ग पर प्रकृति और अध्यात्म का अनूठा संगम होगा यात्री मां गंगा के किनारे-किनारे प्रकृति की विविधता के एहसास को आत्मसात करते हुए यात्रा का लुत्फ उठा सकेंगे।इससे रोजगार व स्वरोजगार के नए अवसर विकसित होंगे। इस योजना के अनुसार ऋषिकेश से देवप्रयाग तक पैदल चारधाम यात्रा इसी सालशुरू होगी। गंगा पदयात्रा का आगाज साधु-संतों के पहले जत्थे के निकलने के साथ होगा जो इसी साल चारधाम यात्रा में जाएगा।
गंगा पदयात्रा पथ पर कोटलीभेज में करीब 200 मीटर का ट्रैक चट्टान पर है, जिसे गरतांग गली की तर्ज पर लकड़ी का पैदल मार्ग तैयार कर नए स्वरूप में विकसित किया जाएगा।
दो बार स्वामी विवेकानंद ने इसी रूट से पदयात्रा की थी। 1888 में बदरीनाथ के लिए यात्रा शुरू की लेकिन, हैजा फैलने के कारण उन्हें श्रीनगर से यात्रा बीच में ही छोड़कर लौटना पड़ा था। 1891 में फिर आए लेकिन इस बार वे स्वयं बीमार पड़ गए और कर्णप्रयाग से लौटे।