यूएन की रिपोर्ट में दावा, 2050 तक पानी के संकट से सबसे ज्यादा जूझेगा भारत

पूर्वोत्तर चीन, भारत और पाकिस्तान पर संकट सबसे ज्यादा

यूएन की रिपोर्ट में दावा, 2050 तक पानी के संकट से सबसे ज्यादा जूझेगा भारत

ग्लेशियर पिघलने के कारण सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा
26 फीसदी लोगों को नहीं मिल रहा साफ पानी 
नई दिल्ली (एजेंसी)। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में भारत को लेकर बड़ा दावा किया गया है। कहा गया है कि 2050 तक दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में पानी का संकट होगा। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन में भी स्थिति खराब होगी। कई नदियों में बहाव की स्थिति भी कमजोर पड़ जाएगी। 
यूएन की रिपोर्ट की माने तो दुनिया की लगभग 1.7 से 2.40 अरब की शहरी आबादी पानी के संकट से जूझेगी। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में 9.33 करोड़ आबादी पानी के संकट से जूझ रही थी। संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 से पहले यूनाइटेड नेशंस ने 'संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023' जारी की है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एशिया में करीब 80% आबादी जल संकट से जूझ रही है। पूर्वोत्तर चीन, भारत और पाकिस्तान पर ये संकट सबसे ज्यादा है। अनुमान है कि इस संकट से भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।  ग्लेशियर पिघलने के कारण सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अभी दुनिया की 26 फीसदी आबादी को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है। जबकि 46 फीसदी आबादी सुरक्षित पेय जल का लाभ उठा रही है।