द. कोरिया में दिमाग खा जाने वाले अमीबा संक्रमण की दस्तक, 10 दिनों में ही कर देता है मस्तिष्क को खोखला
सियोल। दक्षिण कोरिया में दिमाग खा जाने वाले अमीबा ने दस्तक दी है। इस कारण एक 50 वर्षीय शख्स की मौत हो गई। दक्षिण कोरिया में अमीबा के संक्रमण का यह पहला मामला है। नेगलेरिया फाउलेरी नामक संक्रमण को “ब्रेन-ईटिंग अमीबा” के रूप में भी जाना जाता है। कोरिया टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार थाईलैंड से लौटे कोरियाई नागरिक में इसके लक्षण दिखने के 10 दिन बाद ही मौत हो गई।
कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी के अनुसार, दक्षिण कोरिया में प्रवेश करने से पहले उस शख्स ने चार महीने थाईलैंड में बिताए थे। इससे पहले अमेरिका में भी इसी से एक बच्चे की मौत हो चुकी है। यह नाक के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंच कर ब्रेन टिश्यू को नष्ट करना शुरू कर देता है।
क्या है नेगलेरिया
नेग्लरिया एक अमीबा है, जो अपने दम पर जीवित रहता है। यह आमतौर पर मिट्टी और गर्म ताजे पानी (जैसे झीलों, नदियों और गर्म झरनों) में पाया जाता है। नेगलेरिया फाउलेरी एकमात्र ऐसी प्रजाति है, जो मनुष्यों को संक्रमित करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि नेगलेरिया फाउलेरी पूरी दुनिया में गर्म ताजे पानी और मिट्टी में पाया जा सकता है।
अमीबा युक्त पानी नाक से शरीर में प्रवेश कर लोगों को संक्रमित करता है। यह आमतौर पर तब होता है जब लोग तैरने, गोताखोरी करने, झीलों या नदियों के ताजे पानी में अपना सिर डुबोते हैं। अमीबा फिर नाक से मस्तिष्क तक चला जाता है।