'INDIA' गठबंधन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका: केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी

'INDIA' गठबंधन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका: केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी

नईदिल्ली। कई राजनीतिक दलों को संक्षिप्त नाम भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए) के उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ के समक्ष याचिका पर आज सुनवाई हुई। हाकोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ता गिरीश उपाध्याय ने अधिवक्ता वैभव सिंह के माध्यम से कहा कि कई राजनीतिक दल हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अपने गठबंधन के लोगों के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जो कि निर्दोष नागरिकों की सहानुभूति और वोट हासिल करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक और रणनीतिक कदम है। यह चिंगारी जो राजनीतिक घृणा को जन्म दे सकती है जो अंततः राजनीतिक हिंसा को जन्म देगी।

इंडिया भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन का संक्षिप्त रूप है, जो अगले साल के चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए 26 पार्टियों के नेताओं द्वारा घोषित एक विपक्षी मोर्चा है।
याचिका में आरोप लगाया गया कि राजनीतिक दल दुर्भावनापूर्ण इरादे से संक्षिप्त नाम इंडिया का उपयोग कर रहे हैं जो न केवल हमारे देश में बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर भी हमारे महान राष्ट्र यानी भारत की सद्भावना को कम करने के लिए कारक के रूप में कार्य करेगा।

याचिका में कहा गया कि यदि भारत शब्द का उपयोग भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा एक संक्षिप्त शब्द के रूप में किया जाएगा, लेकिन इसके पूर्ण रूप (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) में नहीं, तो इससे निर्दोष नागरिकों के बीच भ्रम की भावना पैदा होगी। गठबंधन यानी आई.एन.डी.आई.ए 2024 के आम चुनाव में हार जाता है तो इसे भारत के रूप में पेश किया जाएगा क्योंकि भारत देश पूरा हार गया है, जो देश के निर्दोष नागरिकों की भावनाओं को फिर से आहत करेगा जिससे राजनीतिक हिंसा हो सकती है।