संगलदान-रियासी ट्रैक पर दौड़ा इंजन, कश्मीर घाटी तक रेल पहुंचने का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होने के करीब

भारत माता की जय से गूंज उठा स्टेशन

संगलदान-रियासी ट्रैक पर दौड़ा इंजन, कश्मीर घाटी तक रेल पहुंचने का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होने के करीब

जम्मू. रविवार को संगलदान-रियासी ट्रैक के परीक्षण के लिए इंजन चलाया गया। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि ट्रायल पूरी तरह सफल रहा। कश्मीर घाटी तक रेल पहुंचने का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होने के करीब है।

जम्मू के रियासी जिले के सावलाकोट से चलकर दोपहर तीन बजे इंजन रियासी रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। इंजन आने की सूचना पर लोग स्टेशन पर पहुंच गए। जैसे ही इंजन बक्कल सुरंग पार कर सायरन बजाता हुआ रियासी पहुंचा तो स्टेशन भारत माता की जय से गूंज उठा। इस ट्रैक पर विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भी बना है।

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) के इस महत्वपूर्ण खंड पर रेल चलना सीआरएस के निरीक्षण पर निर्भर करता है। सीआरएस के निर्धारित निरीक्षण से पहले संगलदान से रियासी तक का काम पूरा हो जाएगा। 272 किमी यूएसबीआरएल परियोजना में से 209 किमी को दो चरणों में शुरू किया गया था। 118 किमी काजीगुंड-बारामुला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में शुरू हुआ।

इस पुल से ट्रेन में बैठकर गुजरने का सपना रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की हरी झंडी मिलने के बाद पूरा होगा। सीआरएस डीसी देशवाल का 46 किमी लंबे संगलदान-रियासी ट्रैक के निरीक्षण के लिए 27-28 जून को दो दिवसीय दौरा प्रस्तावित है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संगलदान से रियासी के बीच पहली ट्रेन को हरी झंडी 30 जून को दिखाए जाने की संभावना है।