सावधान, ठगी का हाईटेक तरीका, आवाज की नकल कर फोन पर लोगों से मांगे जा रहे पैसे

सबसे ज्यादा स्पैम कॉल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले

सावधान, ठगी का हाईटेक तरीका, आवाज की नकल कर फोन पर लोगों से मांगे जा रहे पैसे

नई दिल्ली (एजेंसी)।  ठगों ने लोगों को चूना लगाने के लिए अब नया तरीका इजाद कर लिया है। ये ठग अब सगे-संबंधियों की आवाज की नकल करके लोगों से पैसे मांग रहे हैं। मशीन के जरिए लोगों की आवाज की नकल की जा रही है और कॉल करके परिवार के लोगों और सगे संबंधियों को ठगा जा रहा है। यह एक तरह का वॉयस स्कैम है। अब यदि आपके पास कोई इस तरह का कॉल आता है तो पहले उसकी जांच करिएगा और उसके बाद ही मदद के लिए आगे बढ़िएगा, नहीं तो आपको भारी नुकसान हो सकता है।
यदि आपके पास भी परिवार के किसी सदस्य का फोन आता है या किसी दोस्त का वॉयस मैसेज आता है तो उसपर पहली बार में ही भरोसा ना करें, नहीं तो आपको भारी नुकसान हो सकता है।  भारत सरकार की ओर से स्पैम कॉल को रोकने के लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन सरकार को सफलता नहीं मिल रही है। टेलीकॉम रेगुलेटरी आॅथरिटी आॅफ इंडिया भी इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहा है लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा।
ट्राई ने स्पैम कॉल को रोकने के लिए मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का भी इस्तेमाल किया लेकिन वह भी फेल रहा। आश्चर्य की बात यह है कि ये स्पैम वॉयस कॉल एआई के जरिए ही किए जा रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी एजेंसी की एक नई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश के 83 फीसदी मोबाइल यह पता लगाने में असमर्थ हैं कि स्पैम कॉल मशीन द्वारा किया जा रहा है या कोई इंसान कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक आवाज बदलकर भी लोगों को चूना लगाया जा रहा है। आवाज ना पहचान पाने के कारण लोगों आर्थिक नुकसान हो रहा है।
इस सर्वे में 7,054 लोग शामिल हुए थे जिनमें से 1,010 भारत के थे। इस सर्वे में सात देश के लोगों ने हिस्सा लिया था। सर्वे में शामिल में भारतीय लोगों ने कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा स्पैम कॉल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले आते हैं।  करीब 47 फीसदी व्यस्क भारतीय इस समस्या से जूझ रहे हैं। 83 फीसदी भारतीयों ने दावा किया है फोन पर आवाज ना पहचान पाने के कारण उन्होंने 50,000 रुपये से भी अधिक पैसे गंवाए हैं। सर्वे में शामिल 69 फीसदी भारतीयों ने कहा कि अक और असली आवाज को पहचाने में उन्हें परेशानी होती है।