आतंकी हमले में जवान शहीद, पत्नी गर्भपति, गांव में छाया मातम

आतंकी हमले में जवान शहीद, पत्नी गर्भपति, गांव में छाया मातम

छिंदवाड़ा। जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में छिंदवाड़ा का जवान  शहीद हो गए। वे बिछुआ तहसील के पुलपुलडोह के रहने वाले थे। 2011 में वे सेना में भर्ती हुए थे और 4 साल पहले शादी हुई थी। पत्नी पेट से है। मौत की खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया। भाइयों के छोटे होने के कारण घर में कमाने वाला एक ही था।

जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में छिंदवाड़ा के जवान कबीर दास उईके शहीद हो गए। 35 साल के कबीर दास बिछुआ तहसील के पुलपुलडोह के रहने वाले थे। 2011 में वे सेना में भर्ती हुए थे। मंगलवार रात करीब 8 बजे जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर के सैदा सुखल गांव में आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। हमले में सीआरपीएफ कांस्टेबल कबीर दास उईके को गोली लग गई थी। बुधवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शव विशेष वाहन से नागपुर से गांव लाया जा रहा है। अंतिम संस्कार गुरुवार को पैतृक गांव पुलपुलडोह में होगा।  

पिता के नहीं होने और भाई के छोटे होने के कारण पूरे परिवार की जिम्मेदारी कबीर पर ही थी। उनका छोटा भाई गांव में रहकर खेती करता है। मुख्य तौर पर परिवार कबीर पर ही आश्रित था। उसके शहीद होने की खबर पर परिवार और गांव में शोक छा गया। 

पुलपुलडोह में रहने वाले कबीर दास उईके ने 2011 में सीआरपीएफ जॉइन की थी। 20 जून को कबीर घर वापस आने वाले थे, लेकिन उससे पहले उनके शहीद होने की खबर घर आ गई। कांस्टेबल कबीर दास उईके की चार साल पहले शादी हुई थी। उनकी पत्नी ममता उईके गर्भ से हैं। इनके अलावा परिवावर में मां मां इंदरवति उईके और छोटा भाई अमीर उईके है। दो बहनों कविता और सविता की शादी हो चुकी है। पिता कुछ साल पहले ही गुजर गए थे।