छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: चैतन्य बघेल की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। उन्होंने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यह याचिका छूट (लिबर्टी) के साथ खारिज कर दी। कोर्ट ने साफ कहा कि यदि चैतन्य को कोई राहत चाहिए तो वे अपने मामले से संबंधित बिंदुओं पर नई याचिका पेश करें। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। वहीं, एन. हरिहरन और हर्षवर्धन परगानिया ने चैतन्य बघेल की ओर से पैरवी की। बताया जा रहा है कि कानूनी टीम जल्द ही नई याचिका दाखिल करेगी। चैतन्य बघेल के वकील ने कोर्ट में बताया कि चैतन्य को जेल में पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल रहा। जिस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
गौरतलब है कि 18 जुलाई को ईडी ने चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन भिलाई स्थित निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्हें शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (POC) मिली थी, जिसका इस्तेमाल उन्होंने रियल एस्टेट कारोबार में किया। ईडी का कहना है कि चैतन्य ने अपने प्रोजेक्ट्स में ठेकेदारों को नकद भुगतान किया और फर्जी एंट्रियों से काले धन को सफेद किया। साथ ही वे त्रिलोक सिंह ढिल्लों और अन्य के साथ मिलकर करोड़ों की रकम को आगे बढ़ाने में शामिल थे।
फिलहाल चैतन्य बघेल न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं और 6 सितंबर को अगली सुनवाई होनी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर चुका है और हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी। इस घोटाले में अब तक कई बड़े नाम जैसे पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, पूर्व मंत्री कवासी लखमा और अन्य की गिरफ्तारी हो चुकी है। ईडी का दावा है कि इस घोटाले से प्रदेश को करीब 2500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और 1000 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई को इधर-उधर किया गया।