ऑनलाइन सट्टे के 2 ब्रांच हेड पुलिस गिरफ्त में, मास्टरमाइंड भिलाई से कर चुका है साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई

ऑनलाइन सट्टे के 2 ब्रांच हेड पुलिस गिरफ्त में, मास्टरमाइंड भिलाई से कर चुका है साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई

बिलासपुर। पुलिस ने ऑनलाइन सट्टेबाज के दो ब्रांच हेड को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि ब्रांच हेड का मास्टर माइंड भिलाई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है। ऑनलाइन सट्टा ऐप महादेव और रेड्डी के चार सटोरियों को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ पर सटोरिए किराए पर अकाउंट लेकर रकम का लेनदेन करने की जानकारी पुलिस को मिली थी। पुलिस ने अकाउंट किराए पर देने वाले मेट्रोमोनियल कंपनी चलाने वाले संचालक और उसके साथियों को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बैंक एकाउंट किराए में देने का झांसा देकर धोखाधड़ी की है।
मिली जानकारी के अनुसार चकरभाठा में रहने वाला जगदीप सिंह (37 वर्ष) महाराष्ट्र के पुणे से सट्टे का ब्रांच चलाता है। वह चकरभाठा के रोहित गिडवानी (30) के साथ मिलकर सट्टे का कारोबार करता है। पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि सट्टा चलाने के लिए मोटी रकम देकर ब्रांच कोड लिया था। चकरभाठा निवासी गिरफ्तार आरोपी जगदीप सिंह साफ्टवेयर इंजीनियर है। उसने 2007 में भिलाई से पास आउट किया है। फिर बाद में वह सट्टे के कारोबार से जुड़ गया और पुणे में अपना ठिकाना बना लिया। उसने पूछताछ में बताया कि सौरभ और रवि नाम के युवक मास्टरमाइंड हैं, जो दुबई से काम कर रहे हैं। कमाई का 69 प्रतिशत हिस्सा संचालक का होता है और 12 प्रतिशत ब्रांच हेड को दिया जाता है। गुजरात के राजकोट में रहने वाले राकेश राजदेव ने उन्हें 11 प्रतिशत कमीशन में ब्रांच दिलाया था। पुलिस का दावा है कि ऑनलाइन सट्टेबाज लेनदेन का पूरा खेल अकाउंट से करते हैं और वे कॉर्पोरेट अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। कॉर्पोरेट अकाउंट में लाखों और करोड़ों रुपए का लेनदेन किया जा सकता है। पुलिस उनका कॉर्पोरेट अकाउंट खंगालने में जुटी हुई है।
पुलिस अफसरों ने बताया कि ऑनलाइन सट्टे के इस कारोबार में ब्रांच के नीचे काम करने के लिए 6 व्यक्ति, 3 लैपटॉप, 6 बैंक अकाउंट और 10-12 मोबाइल की जरूरत होती है। प्रत्येक ब्रांच के ऊपर एक चेकर होता है, जो ब्रांच में काम करने वालों की एक्टिविटी पर नजर रखता है। एक चेकर के नीचे 5 ब्रांच होता है और पुलिस को करीब 200 चेकर की जानकारी मिली है। पुलिस का अगला टारगेट चेकर्स हैं, जिनके खिलाफ शीघ्र ही कार्रवाई करने का दावा किया जा रहा है।
पुलिस ने बताया कि ऑनलाइन सट्टे के इस कारोबार में एडमिन अपने लाभ के लिए अपने बनाए एजेंट का ही उपयोग करते हैं। कम समय में अधिक सैलरी और लाभ के लालच में रवि, सौरभ, पिंटू, एआर, डीके, हरीश, राज, चीकू नितिन  जैसे बड़े सटोरियों ने ठिकाना बदल दिया है। वे ब्रांच में कार्य करने के लिए युवाओं को लालच देकर दिल्ली, चंडीगढ़, पुणे, मुंबई, गोवा, दुबई बुला रहे हैं।