खुलासा: डबल मर्डर के फिराक में थे आरोपी, मिस फायर के कारण बच गई मृतक के पिता की जान
पुरानी दुश्मनी थी मुख्य वजह, गुटखा पर विवाद एक बहाना था
बिलासपुर। पुलिस ने 17 वर्षीय लड़के की गोली मार हत्या किए जाने की मामले में बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि पुरानी दुश्मनी के चलते आरोपी पिता-पुत्र दोनों को गोली मारने वाले थे लेकिन पिस्टल से एक फायर होने के बाद दूसरा गोली फंस गया और प्लानिंग फेल हो गया। इससे मृतक सड़के के पिता की जान बच गई। पुलिस ने हत्या की वारदात में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी भूपेंद्र सिंह पहले गांजा तस्करी करता था। गांजा लेने वह ओडिशा जाता था। इस दौरान उसने गांजा तस्करी कर बेचने के लिए उत्तरप्रदेश के लखनऊ गया था। वहीं से करीब 15 दिन पहले उसने 35 हजार रुपए में पिस्टल खरीदा था।
पत्रकार वार्ता में एसपी पारुल माथुर ने बताया कि पचपेड़ी क्षेत्र के मानिकचौरी निवासी मंगतूराम अजय (43 वर्ष) किराना दुकान चलाते हैं। घर में उसकी पत्नी सरोजनी (39 वर्ष) अनीश अजय (17 वर्ष) और नेहा अजय (12 वर्ष) रहते हैं। रविवार की रात करीब करीब 9 बजे गांव के ही दो बदमाश युवक भूपेंद्र पोर्ते और नंदू उर्फ नंदकिशोर साहू गुटखा लेने दुकान पहुंचे थे। मंगतूराम का बेटा अनीश उन्हें गुटखा देने के लिए निकला। इस दौरान पैसे देने से मना करने पर उनका झगड़ा शुरू हो गया। आरोपियों से मंगतूराम का पुराना विवाद था। होली पर्व के दौरान उनके बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद दो माह पहले भी विवाद हुआ था। इसी रंजिश के चलते नंदू साहू और भूपेंद्र पोर्ते ने हत्या करने की योजना बनाकर गुटखा खरीदने पहुंचे थे। गुटखा लेने के बाद पैसे न देने के बहाने उन्होंने जानबुझकर विवाद शुरू किया। ईंट से हमला करने के साथ ही अनीश को गोली मारने के बाद हमलावरों ने मंगतूराम को भी निशाना बनाया और फायरिंग की। लेकिन, सही समय पर पिस्टल में राउंड फंस गया और मिस फायर हो गया। इसके बाद दोनों आरोपी बाइक से भाग निकले। गोलीकांड की वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपियों को पकडऩे के लिए एसपी ने 17 सदस्यीय टीम गठित की थी, जिसमें एसीसीयू प्रभारी हरविंदर सिंह के नेतृत्व में टीम आरोपियों के रिश्तेदार और परिचितों के ठिकानों में लगातार दबिश दे रही थी। आखिरकार पुलिस ने बिहार भागने के दौरान दोनों आरोपियों को सारनाथ एक्सपे्रस का पीछा कर ट्रेक को रुकवाया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही आरोपियों को पकडऩे वाली टीम को प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। वहीं इनाम के लिए घोषित 5 हजार रुपए को टीम के सभी सदस्यों में बांट दिया गया।