सिगरेट, तंबाकू व पान मसाला के विज्ञापनों पर लगी रोक, सभी होर्डिंग्स हटाने के निर्देश
रायपुर। राज्य सरकार ने सिगरेट, तंबाकू, गुटखा जैसी नशे की सामग्रियों के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को नशे का प्रचार करने वाले विज्ञापनों की होर्डिंग्स हटाने के निर्देश दिए गए हैं। नगरीय प्रशासन संचालनालय द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 का कड़ाई से पालन करने तथा इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। सभी निगम आयुक्तों, नगर पालिका के सीएमओ तथा नगर पंचायत के सीईओ को जारी पत्र में कहा गया है कि तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने एवं कोटपा 2003 के प्रावधानों का पालन करने के लिए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन सभी जिलों में किया जा रहा है।
दरअसल देश के युवाओं को तंबाकू सेवन से बचाने के लिए 2003 में सदन में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद विज्ञापन पर रोक तथा व्यापार एवं वाणिज्य उत्पादों से संंबंधित अधिनियम कोटपा लागू किया गया है। यह एक राष्ट्रीय कानून है और देश के सभी राज्यों को इसका पालन करना है।
क्या है कोटपा एक्ट
धारा 4
सार्वजनिक स्थल में ध्रूमपान पर प्रतिबंध
धारा 5
सिगरेट, अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध
धारा 6
नाबालिगों और शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास सिगरेट या तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध।
सजा का प्रावधान
प्रतिव्यक्ति 200 रुपए। स्वामी, प्रबंधक या अधिकृत अधिकारी के लिए- सार्वजनिक स्थलों में अपराधों की संख्या के बराबर जुर्माना 2-5 साल की सजा या फिर 1-5 हजार रुपए तक का जुर्माना। बिक्री- खुदरा बिक्री पर 1 से 2 साल की सजा, 1 से 3 हजार रुपए तक का जुर्माना।