फायर एंड सेफ्टी डिजास्टर इंस्टीट्यूट भिलाई के डायरेक्टर व पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज
सरकारी संस्था बताकर ट्रेनिंग के नाम धोखाधड़ी
भिलाई। वैशालीनगर थाना पुलिस ने दुर्ग न्यायालय के आदेश पर रामनगर राजेन्द्र चौक स्थित फायर एंड सेफ्टी डिजास्टर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर राहुल सोनी और आदर्श शिक्षा समिति पदाधिकारी एवं सदस्यों के खिलाफ धारा 120 बी, 34, 384, 420 और 511 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
जानकारी के अनुसार विवेक नेताम न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग जिला दुर्ग के ज्ञापन क्रमांक न्यायालय/2021 दुर्ग दिनांक 25.11.2022 के परिपालन में पक्षकार दुर्गेश कुमार चौधरी के द्वारा प्रस्तुत 156(3) जाफौ0 के तहत राहुल सोनी डायरेक्टर फायर एण्ड सेफ्टी डिजास्टर मैनेजमेंट इन्सटीट्यूट भिलाई व आदर्श शिक्षा समिति पदाधिकारी एवं सदस्यगण इंदिरा गांधी स्कूल, रामनगर राजेन्द्र चौक सुपेला भिलाई के विरूद्ध पूर्व न्यायालय माननीय लोकेश पटेल न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी के आदेश दिनांक 15.02.2019 के द्वारा स्वीकार कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने आदेशित किया गया था। उक्त आदेश के अनुपालन में वैशाली नगर थाना पुलिस द्वारा अनावदेकगणों के विरूद्ध धारा 120 बी, 420, 384, 511, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया है।
प्रार्थी दुर्गेश कुमार चौधरी आ. सुरेश चौधरी आयु 28 साल निवासी अन्नपूर्णा मार्केट प्रगति नगर केम्प-1 भिलाई ने राहुल सोनी पिता नामालुम डायरेक्टर फायर एण्ड सेफ्टी डिजास्टर मैनेजमेंट इन्सटीट्यूट भिलाई तथा आदर्श शिक्षा समिति पदाधिकारी एवं सदस्यगण इंदिरा गांधी स्कूल रामनगर राजेन्द्र चौक सुपेला भिलाई के खिलाफ शिकायत मेें कहा है कि अनावेदकगण द्वारा स्वयं की एफ.एस.डी.एम.आई. एण्ड आर्थों राइड्स ट्रेनिंग प्रोव्हाइडर भारत सरकार की संस्था बताकर विभिन्न तकनीकी कोर्सेस का विवरण अनावेदकगण द्वारा पाम्पलेट में जारी कर जन समुदाय के बीच वितरित किया गया तथा इंटरनेट पर भी ततसंबंध में विज्ञापन जारी किया गया एवं सभी वर्गों से नि:शुल्क प्रशिक्षण दिए जाने का वादा/करार किया गया। अनावेदकगण ने एक अन्य प्रपत्र व्यवसायिक शिक्षा मिशन की हेडिंग देकर उसमें अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण सरकारी नियमानुसार अंकित कर विभिन्न तकनीकी कोर्स का अंकित कर अपराध का षडयंत्र रचकर उसे क्रियाविन्त करते हुए शिक्षित वर्ग के जन समुदाय से प्रशिक्षण हेतु आवेदन पत्र आमांत्रत किए। अनावेदकगण के द्वारा कारित किए गए उक्त अपराधिक कृत्य छल के झासे में आकर आवेदक ने स्वयं की जाति मोची जाति का प्रमाण पत्र, चमार जाति का प्रमाण पत्र सलंग्न कर रोजगार परक प्रशिक्षण हेतू आवेदन पत्र अनावेदकगणो के कार्यालय में अनावेदकगणों के उपस्थिति में प्रस्तुत किया। अनावेदकगण द्वारा आवेदक की ओर से प्रस्तुत आवेदन एवं संलग्न दस्तावेजो का सुक्ष्म परीक्षण के बाद आरोपियों ने आवेदक से रकम उद्यापित करने हेतू प्रशिक्षण का शुल्क के रूप में राशि जमा कराकर तत्संबंध मे पावती भी प्रदत्त की। इस पर आवेदक ने आपत्ति लेते हुए स्पष्ट किया कि आपके द्वारा जारी प्रपत्र मे नि:शुल्क प्रशिक्षण कि व्यवस्था का विवरण अंकित है जिस पर आरोपियों ने कथन किया कि यह सब हम लोगो ने आवेदकगणो को लुभाने के लिए किया है। हम तो फीस लेंगे ही। इस प्रकार अनावेदकगणो ने आवेदक से भिन्न भिन्न समय पर लगभग 29500 रूपये है और रसीद मात्र 24500 रूपये का दिये है 5000 रूपये का कोई रसीद मुझे संस्था द्वारा मुझे पर्यन्त तक नही दिए है। तथा फीस के नाम पर रकम आवेदक से उद्यापित कर धोखाधडी की गयी प्रशिक्षण उपरान्त आवेदक के साथ पुन: छल कर आवेदक को बी.एस.एस. चेन्नई मूल प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। एक तदर्थ प्रमाण पत्र स्वरूप दस्तावेज दिया गया परन्तु उसमे किसी प्राधिकृत अधिकारी का सील व संस्था का क्रमांक अंकित नही है जो आवेदक के साथ हुए धोखाधड़ी का प्रत्यक्ष प्रमाण है।