प्लॉट बेचकर मिले पैसे को हाईकोर्ट ने किया फ्रीज, भिलाई नगर निगम को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
भिलाई । नगर निगम भिलाई ने 1250 प्लॉट की बिक्री के लिए शासन से अनुमति मांगा था। इस पर राज्य शासन ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि प्लॉट की बिक्री करें, लेकिन जो राशि मिलेगी उसका आधा हिस्सा नगर निगम को और आधा शासन के खाते में जाएगा। इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निगम के प्लॉट को बेचने के बाद मिलने वाली राशि को फ्रीज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्लॉट बेचने के बाद राशि खर्च नहीं करेंगे।
सुनवाई के दौरान बताया गया कि नगर निगम का अपना प्रावधान व नियम है, इसलिए वह अगर अपनी संपत्ति को लीज पर दे, बेचे तो उसकी राशि उसके खाते में और उसी के द्वारा उपयोग की जाएगी, न कि इस राशि को राज्य सरकार उपयोग कर सकती है। मामला सुनने के बाद हाईकोर्ट ने निर्देशित किया है कि प्लॉट बेचने के बाद मिलने वाली राशि को खर्च नहीं करेंगे। पैसा खाते में ही रहेगा।
भिलाई नगर निगम के पार्षद भोजराज असाटकर ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता अनिमेश वर्मा के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर राज्य शासन के आदेश को चुनौती दी थी। इसमें उन्होंने बताया कि नगर निगम भिलाई अपने 1250 प्लॉट को बेचने के लिए राज्य शासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन राज्य शासन के तरफ से कलेक्टर को निर्देशित किया गया है कि प्लॉट बेचने से मिलने वाली राशि का आधा-आधा बंटवारा किया जाएगा। मतलब जितनी भी राशि मिलेगी उसमें से आधी राशि नगर निगम के खाते में जाएगी और आधी राशि राज्य शासन के खाते में डालनी होगी।
नगर निगम भिलाई ने पिछले दिनों 23 प्लॉट 5.50 करोड़ रुपए में बेचे हैं। इसके बाद ही यह विवाद शुरू हो गया। अभी 1227 प्लॉट की बिक्री होनी बाकी है। इसकी अनुमानित कीमत 100 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई है।