नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एलेस बियालियात्स्की को 10 साल की कैद
मिंस्क (एजेंसी)। मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता और साल 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एलेस बियालियात्स्की को बेलारूस की स्थानीय अदालत ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। बियालियात्स्की को यह सजा लोक व्यवस्था बिगाड़ने वाली गतिविधियां करने, वित्तपोषण करने और तस्करी के मामले में दी गई है। राजधानी मिंस्क के लेनिनस्की जिला अदालत ने 60 वर्षीय बियालियात्स्की पर 65 हजार यूएस डॉलर का जुर्माना भी लगाया है।
बियालियात्स्की वेसना ह्युमन राइट्स सेंटर के प्रमुख हैं। बियालियातस्की के साथ ही वेसना ह्युमन राइट्स सेंटर के प्रतिनिधि वेलेंटाइन स्टेफनोविच और व्लादिमीर लाबकोविच को भी 9-7 साल तक की सजा सुनाई है। तीनों को सजा के दौरान एक अत्यधिक सुरक्षित पैनल कालोनी में रखा जाएगा। साथ ही दिमित्री सोलोवियोव को भी आठ साल की सजा सुनाई गई है लेकिन वह फिलहाल बेलारूस से बाहर हैं। जुलाई 2021 में वेसना सेंटर के प्रतिनिधियों को हिरासत में लिया गया था। जांच में पता चला कि एलेस बियालियातस्की और अन्य सदस्य अप्रैल 2016 से जुलाई 2021 के दौरान विभिन्न संगठनों से लिथुआनिया में फंड लिया था। इसके बाद इन फंड्स को कई लोगों की मदद से यूरेशियन इकॉनोमिक यूनियन की सीमा से बाहर भेज दिया गया। बेलारूस के कानून के मुताबिक यह अपराध है और इस अपराध की सजा अधिकतम 12 साल है। वहीं एलेस बियालियात्स्की को सजा सुनाए जाने के बाद विपक्ष ने बेलारूस सरकार और इसके नेता लुकाशेंको पर निशाना साधा है। विपक्ष की नेता स्वितलाना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, जिनमें नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एलेस बियालियात्स्की को सजा सुनाई गई है। यह भयावह है। एलेस ने अपना जीवन अत्याचार के खिलाफ लड़ने में लगा दिया। वह बेलारूस के एक सच्चे हीरो हैं और तानाशाह के बाद भी उनका नाम सम्मान से लिया जाएगा।' संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तर्क ने भी एलेस बियालियात्स्क समेत मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर निराशा जाहिर की।