बच्चों की आकर्षक प्रस्तुतियों ने बांधा समा

बच्चों की आकर्षक प्रस्तुतियों ने बांधा समा

भिलाई। भिलाई नगर कालीबाड़ी सेक्टर 6 में राज्य स्तरीय हिंदी बांग्ला संगीत प्रतियोगिता एवं केरोके गायन प्रतियोगिता आज से प्रारंभ हुआ । यह प्रतियोगिता 15 जनवरी तक चलेगा । कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायाधीश मोनिशा मल्होत्रा, डॉ राखी राय , डॉ मनीमेकल्ला शुक्ला , श्रीमती प्रतिमा दरिपा तथा श्रीमती बॉबी दास , सामाजिक कार्यकर्ता सुमन शील , कालीबाड़ी समिति के राजा बनर्जी के उपस्थिति में मां सरस्वती के तेल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया । जिसके पश्चात केरोके में अधिकतर अ वर्ग के 6 साल से लेकर 12 साल के बच्चे ने फिल्मी एवं विभिन्न तरह के संगीत गानों को न्यायाधीशों के सामने रखकर अपनी प्रतिभा को दिखाया । इस मौके पर उपस्थित डॉ राखी राय ने कहा कि इस तरह के आयोजन करने वाले समिति की भूमिका सराहनी है जो कि आने वाले युवा पीढ़ी को एक मंच देने का कार्य कर रही है । कार्यक्रम का संचालन व्यवस्था प्रमुख सोनाली सेन ने किया ।

भिलाई नगर कालीबाड़ी समिति द्वारा 12 जनवरी से आयोजित पौष मेला संगीत प्रतियोगिता का मेगा फाइनल रविवार 15 जनवरी मंदिर प्रांगण में शाम 7 बजे होगा । समिति के सुमन शील ने बताया कि कार्यक्रम में प्रतियोगिता के विभिन्न चरणों को जीतकर एवं चयनित होकर मेगा फाइनल में पहुंचे प्रतियोगी अपनी संगीत प्रतिभा का परिचय देंगे। फाइनल में चयनित टॉप प्रतियोगी अपने गीतों के माध्यम से प्रस्तुतियां देंगे। कार्यक्रम में विजेता टॉप 3 प्रतियोगियों को प्रतीक चिन्ह, प्रमाण पत्र एवं  इनाम दिए जाएंगे तथा 15 जनवरी रविवार मकर संक्रांति को भिलाई नगर सेक्टर 6 में स्थित प्राचीन काली बाड़ी में अब काली माता के साथ काली मां के परम भक्त रामकृष्ण परमहंस तथा मां शारदा देवी की मार्बल की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस प्रतिमा को कोलकाता रविंद्र सरोनी से मंगवाया गया है जो भक्तों के आकर्षण का केंद्र होंगे ।  सुबह 8.30 बजे अभिषेक पूजा प्रारंभ होंगे तथा शाम 7 बजे रामकृष्ण मठ के स्वामी जी के उपस्थिति में प्रतिमा की वैदिक मंत्रों से प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी ।

लगाए गए हैं एक से बढ़कर एक स्टाल

सचिव सीएस कालीबाड़ी में पोस्ट में लोग उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कालीबाड़ी परिसर में बंगाली व्यंजनों सहित कई दूसरे सामानों की आकर्षक स्टाल लगाए गए हैं जो आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा।