श्री शंकराचार्य अस्पताल भिलाई में नवजात की मौत पर नोटिस जारी
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान में
रायपुर। जुनवानी स्थित श्री शंकराचार्य अस्पताल भिलाई में नवजात शिशु को वेंटिलेटर से हटाए जाने पर बच्चे की मौत के मामले में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सिंज्ञान में लेते हुए जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सीएचएमओ, पुलिस अधीक्षक एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य सोनल कुमार गुप्ता ने पत्र में कहा सोशल मीडिया में प्रसारित समाचार के अनुसार दुर्ग जिले के स्मृति नगर थाना के क्षेत्र अंतर्गत जुनवानी स्थित भिलाई शंकरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फीस जमा नहीं कर पाने से नवजात शिशु को वेंटिलेटर से हटाये जाने से शिशु की मौत होने का वर्णन है। घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुये आयोग द्वारा संज्ञान में लिया गया है। बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13 (ज) 14 के तहत शक्तियों का उपयोग करते हुए निर्देशित किया जाता है कि प्रकरण की समीक्षा हेतु आयोग को निम्नलिखित जानकारी मांगी गई है।
1. घटना के समय संबंधित अस्पताल के आईसीयू वार्ड के इंचार्ज चिकित्सक कौन था?
2 नवजात शिशु को किस डॉक्टर/कमर्चारी द्वारा वेंटिलेटर से अलग किया?
3.अन्य कोई तथ्यात्मक जानकारी जिसे आयोग के समक्ष पेश करना चाहे।
उपरोक्त उल्लेखित तथ्यों पर तथ्यात्मक प्रतिवेदन सहित दिनांक 12 जून 2023 को समय 11:30 बजे आयोग कार्यालय में उपस्थित होवें।
वहीं इस विषय में जब दुर्ग जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉ. जेपी मेश्राम से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें अब तक कोई नोटिस नहीं मिली है। ज्ञात हो कि बेमेतरा जिले के पथरी गांव निवासी बैसाखिन बाई पति शंकर निषाद को बच्चा होना था। डिलीवरी के दौरान उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई। इसके चलते उसे शंकरा मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया। शंकरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के दौरान बैसाखिन बाई की मौत हो गई। डॉक्टरों ने नवजात का चेकअप किया तो उसकी भी हालत नाजुकी थी। वो सांस नहीं ले पा रहा था। इसके बाद बच्चे को तुरंत एसएनसीयू भेजा गया और वैंटिलेटर पर रखा गया। परिजनों का आरोप है कि रुपए नहीं होने के कारण नवजात को वेंटिलेटर से बाहर कर दिया तो वहीं अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को गलत बताया है।