रिश्वत मामले में गिरी गाज, दुर्ग जिले में सब इंस्पेक्टर सहित 2 पुलिसकर्मी लाइन अटैच
ट्रक छुड़ाने के नाम पर भिलाई-3 और खुर्सीपार के पुलिस अधिकारियों ने ली थी रिश्वत, ट्रांसपोर्टरों ने सबुत के साथ की थी शिकायत
भिलाई। पुलिस अधीक्षक इन दिनों लगातार अपराध और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. लेकिन इन दिनों दुर्ग पुलिस के पुलिसकर्मियों पर रिश्वत का आरोप लगा है. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिस पर कार्रवाई करते हुए एसपी ने आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया है. कुछ दिनों पहले खुर्सीपार चौक पर एक ट्रक एक्सीडेंट का मामला सामने आया था. भिलाई के खुर्सीपार थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर सतीश साहू ने मामले में एक ट्रक को जब्त किया था. इस दौरान ट्रक मालिक से सब इंस्पेक्टर ने कोर्ट में चालान पेश करने के बदले में 6 हजार रुपए मांगी थी. जिसके बाद सब इंस्पेक्टर के रिश्तेदार के अकाउंट में ट्रक मालिक ने 3 हजार रुपए ट्रांसफर किए. इसी तरह पुरानी भिलाई 3 में एएसआई नंद कुमार तांडेकर पर भी एक ट्रक ड्राइवर से रिश्वत का आरोप लगा था. करीब 16 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. जिसके बाद पीडित ने 2 हजार रूपए उसके खाते में ट्रांसफर किए. साथ में 3200 रूपये कैश पीड़ितों द्वारा दिया गया. इस दौरान उसने पुलिस कर्मी का ऑडियो वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. प्रार्थी ने मामले की शिकायत छावनी सीएसपी समेत ईओडब्ल्यू से की. जिसके बाद दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने दोनों पुलिस कर्मचारियों को लाइन अटैच किया है।
ज्ञात हो कि ट्रांसपोर्ट व्यवसाई से ट्रक छुड़ाने के नाम पर खुर्सीपार थाने के उप निरीक्षक एवं भिलाई-3 थाने के एक सहायक उप निरीक्षक द्वारा रिश्वत मांगे जाने के मामले पुलिस विभाग में जबरदस्त खलबली मचा दी थी। दोनों ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के द्वारा पूरे प्रमाण के साथ दोनों ही पुलिस अधिकारियों की इस हरकत की शिकायत नगर पुलिस अधीक्षक छावनी से की गई है।
नगर पुलिस अधीक्षक आशीष बंछोर ने बताया कि भिलाई 3 थाने के एएसआई नारद लाल दांडेकर एवं खुर्सीपार थाने के उपनिरीक्षक सतीश साहू के खिलाफ ट्रांसपोर्ट व्यवसाई के द्वारा लिखित शिकायत शनिवार की शाम की गई है।
शिकायतकर्ता ट्रांसपोर्ट व्यवसाई सुखवंत सिंह ने बताया कि थाना भिलाई-3 में दर्ज अपराध क्र. 85 / 2023 धारा 279 भा.द.वि. के विवेचक सहायक उप निरीक्षक नारद लाल दांडेकर द्वारा उपरोक्त मामले में गाड़ी छोडऩे का आश्वासन देकर 15,000 रु. की मांग की गई। जिसमें सुखवंत सिंह ने 2,000 रु. पे.टी.एम. खाता क्र. यु.पी.आई. आई.डी. 9406288352 पेटिएम के क्यू आर कोड में मोबाईल नंबर 88199-88059 से भुगतान किए हैं व नगद 3,200 रु. गुप्त कैमरे के सामने लेकर बेईमानी व भ्रष्टाचार किये जाने का सनसनीखेज मामला सामने लाने का प्रयास किया है। दूसरा मामला थाना खुर्सीपार का है अपराध क्रमांक 48/23 में ट्रांसपोर्ट व्यवसाई जसमीत सिंह से चालान पेश करने के नाम पर 6000 रु. की रिश्वत उपनिरीक्षक सतीश साहू के द्वारा मांगी गई है। क्यूआर कोड के माध्यम से 3000 रु. का भुगतान जसमीत सिंह के द्वारा मोबाइल नंबर 9340088839 के माध्यम से 2 मार्च को भुगतान किया। तब चालान की कार्रवाई उप निरीक्षक के द्वारा आगे बढ़ाई गई। न्यायालय से मामले का निपटारा होने के पश्चात जब जसमीत सिंह वाहन लेने खुर्सीपार थाने पहुंचे तो उन्हें उप निरीक्षक के द्वारा शेष 3000 रु. की राशि की मांग की गई, नहीं देने पर दस्तावेज एवं चाबी देने से इनकार एक सिपाही के माध्यम से कराया गया, ले देकर 1000 रु.नगद देने के बाद जसमीत सिंह को उनके वाहन की चाबी एवं दस्तावेज सुपुर्द किए गए। शिकायतकर्ता के अनुसार इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू में भी शिकायत की गई। किंतु 1 हफ्ते तक घुमाने के उपरांत ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की। दोनों ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के सुखवंत सिंह एवं जसमीत सिंह के द्वारा कॉपी परेशान नगर पुलिस अधीक्षक छावनी आशीष बंछोर को लिखित प्रमाण के साथ शिकायत कर उचित कार्यवाही करने की मांग की है। इसके साथ ही एक ऑडियो भी जारी की गई है । जिसमें उपरोक्त पुलिस अधिकारी 15000 रु. की रिश्वत मांगते सुना जा सकता है। जिनके खिलाफ नगर पुलिस अधीक्षक को शिकायत की गई है। उसमें खुर्सीपार थाने के उपनिरीक्षक सतीश साहू एवं भिलाई 3 थाने के एक सहायक उपनिरीक्षक नारद लाल दांडेकर शामिल है। शिकायतकर्ता सुखवंत सिंह ने बताया कि उपनिरीक्षक सतीश साहू ने ट्रक छोडऩे के एवज में 6000 रु. मांगे जाने के प्रमाण के साथ शिकायत की है। जबकि भिलाई 3 थाने के एएसआई नारद लाल दांडेकर के द्वारा ट्रक छुड़ाने के मामले में 15000 रु. की मांग की थी। जिसमें से सुखवंत सिंह के द्वारा अपनी बहन मनजीत कौर के मोबाइल के माध्यम से 2000 रु. पेटीएम किया गया है एवं नगद 3200 रु. दिया जाना बताया है, तथा 3200 की रिश्वत देते हुए वीडियो भी तैयार किया है। दोनों थाने के अफसरों के द्वारा पीडि़त ट्रांसपोर्ट व्यवसाई से रिश्वत देने के लिए मोबाइल पर जो चर्चा हुई है उस चर्चा को ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के द्वारा रिकॉर्ड किया गया।