गंगोत्री हॉस्पिटल पर कार्रवाई की मांग, आयुष्मान कार्ड की सुविधा न होने के चलते इलाज में लग गए लाखों रुपए, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
मरीज के परिजन
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित गंगोत्री हॉस्पिटल को लेकर लगातार लोगों की शिकायत सामने आने लगी है। मरीज के परिजनों का आरोप है कि आयुष्मान कार्ड की सुविधा नहीं होने के चलते उन्हें इलाज के नाम पर लाखों रुपए खर्च करना पड़ रहा है।
हंसी मस्जिद के पास कुरूद रोड कोहका भिलाई निवासी मोहम्मद हसरत पिता मोहम्मद सफीकुर रहमान ने बताया कि उनके मामा तौकीर आलम पर विगत 16 मई को कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। इलाज के लिए दुर्ग जिला हॉस्पिटल लेकर गए। उसी रात वहां से घायल तौकीर आलम को रिफर के बाद दुर्ग स्थित गंगोत्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। तौकीर आलम को गंगोत्री हॉस्पिटल में भर्ती करने के दौरान कहा गया था की एक दिन का बेड चार्ज 10 हजार रुपए देने होंगे।
भर्ती करने के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने बोला की एक दिन का बेड चार्ज 10 हजार रुपए लगेगा। ऑपरेशन के बाद 16 मई से 23 मई तक तौकीर आलम को ICU में रखा गया था। 22 मई तक करीब 1.50 लाख रुपए गंगोत्री हॉस्पिटल इलाज के नाम पर जमा कर चुके है। मोहम्मद हसरत ने बताया कि गंगोत्री हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ जनरल मेडिसिन के लिए किया जाता है। मरीज तौकीर आलम के परिजनों का आरोप है कि गंगोत्री हॉस्पिटल में अगर जनरल मेडिसिन के लिए आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल होता है तो ऐसे इलाज जिसमें लाखों रुपए खर्च करना पड़ता है उसमें आयुष्मान की सुविधा क्यों नहीं दी जाती। मरीज तौकीर आलम के परिजनों ने शासन प्रशासन से कार्रवाई और न्याय की मांग की है।
17 मई को स्वस्थ विभाग की टीम ने कई अस्पतालों में दी थी दबिश
दुर्ग जिले में स्वस्थ विभाग की टीम ने शहर के गायत्री हॉस्पिटल, रेनबो हॉस्पिटल, भिलाई नगर्सिंग होम सहित कई अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। खामियां पाए जाने पर गायत्री हॉस्पिटल, रेनबो हॉस्पिटल को नोटिस थमाते हुए 2 दिन में जवाब मांगा गया है। इन अस्पतालों पर आयुष्मान कार्ड सुविधा होने के बाद भी नकद लेकर इलाज किया जाता है। दुर्ग जिले के नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल शुक्ला अपनी टीम के साथ रात में आधा दर्जन से अधिक हॉस्पिटल में छापेमारी कर वहां का निरीक्षण किया।इस दौरान उन्होंने गायत्री हॉस्पिटल, रेनबो हॉस्पिटल, भिलाई नगर्सिंग होम सहित कई अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। गायत्री हॉस्पिटल और रेनबो हॉस्पिटल में कई कमियां मिलीं।