साढ़े 16 करोड़ की ठगी की जांच में खुलासा

अब तक 2.33 करोड़ कैश, 1.18 करोड़ खाते में किए फ्रीज किए

साढ़े 16 करोड़ की ठगी की जांच में खुलासा

गैंग में बंटवारे को लेकर पड़ी फूट पड़ी तो मंडी बोर्ड को मिया मेल
रायपुर। एक्सिस बैंक की डूंडा शाखा में 16.40 करोड़ की ठगी का खुलासा डॉन के मेल से हुआ है। पुलिस को क्लू मिला है कि डॉन कोई और नहीं इसी गैंग का सदस्य है। करोड़ों की ठगी के बाद बंटवारे को लेकर गिरोह में फूट पड़ गई। उसी नाराज सदस्य ने जालसाजी का भेद खोलने के लिए कृषि मंडी बोर्ड के अफसरों को मेल कर दिया। मंडी बोर्ड में मेल 14 जून को आया। इसमें ठगी के संबंध में जानकारी दी गई थी। मेल में तीन ठगों का मोबाइल नंबर दिया गया था, जिन्होंने खाते से पैसा निकाला है। यहां तक उसमें बैंक के कंप्यूटर सिस्टम का फोटो अटैच किया गया था। दूसरे दिन मेल करने वाले डॉन ने अलग-अलग नंबर से अधिकारियों को फोन किया था।
पहले दिन जब मेल आया तब अफसरों ने इसे किसी की शरारत समझा। अगले दिन जब अलग-अलग नंबरों से फोन आए उन्होंने इसे गंभीरता से लिया गया और एक्सिस बैंक के अधिकारियों से इस बारे में पूछताछ की। उसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा। ठगी की शिकायत एक्सिस बैंक ने की, क्योंकि मंडी बोर्ड ने बैंक से अपना पैसा वापस ले लिया था। इसलिए उन्होंने शिकायत नहीं की। बैंक के अधिकारी पुलिस के पास पहुंचे।
पुलिस के अफसरों का शक है कि ठगी की खबर डॉन के नाम से लीक करने वाला वारदात में शामिल था। उसने मेल में तीन ठगों का मोबाइल नंबर दे दिया। ये नंबर उन लोगों के हैं, जिन्होंने खाते से पैसा निकाला। इतना ही नहीं उसने बैंक के कंप्यूटर सिस्टम का फोटो तक अटैच किया था, ताकि मेल देखने वाले को किसी तरह का शक न रहे। अफसरों के अनुसार इतनी जानकारी वारदात में शामिल सदस्य के पास ही हो सकती है।

पुलिस ने बेंगलुरु में छापा मारकर 21 वर्षीय के श्रीनिवास राव को गिरफ्तार किया है। वह एनजीओ चलाता है। उसके खाते में मंडी बोर्ड से 4.48 करोड़ जमा हुए हैं। उसने दूसरे ही दिन 2.40 करोड़ रुपए रायपुर के एक एनजीओ में जमा कर दिए है। यह एनजीओ आरोपी सौरभ मिश्रा की परिचित महिला चलाती है। पुलिस महिला की तलाश कर रही है। पैसों के संबंध में जानकारी निकाली जा रही है।
मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता और बेंगलुरु के कुछ संदिग्धों के खाते में मंडी बोर्ड का पैसा जमा कराया गया है। पुलिस उन खातेदारों तक पहुंच गई है। उन खातों से कई और लोगों के खातों में पैसा जमा हुआ है। हालांकि पुलिस अब तक जिनके खाते में पैसा जमा हुआ है। उसमें से सिर्फ एक को ही आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 13 खातों में मंडी बोर्ड के खाते से सीधे पैसे ट्रांसफर हुआ है। उसमें से 12 की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पुलिस ने बताया कि मंडी बोर्ड के चेक में दो अधिकारियों के हस्ताक्षर करने का नियम है। उसके बाद ही चेक से पैसा निकाला जा सकता है। बैंक में 13 चेक जमा कर 16.40 करोड़ रुपए निकाले गए हैं, उसमें दो अधिकारियों के नाम से हस्ताक्षर हैं। उसमें मंडी बोर्ड के नाम से सील-मुहर लगायी गई है। पुलिस ने चेक के सील-मोहर और हस्ताक्षर फोरेंसिक लैब भेजी गई है। पुलिस जांच कर रही है कि सील-मोहर असली है या फर्जी।
पुलिस ने तीन दिन जांच की फिर केस दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। ठगी में अब तक 8 जालसाजों को को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनसे 2.33 करोड़ कैश और 1.18 करोड़ खाते में फ्रीज किए गए हैं। पुलिस आधा दर्जन आरोपियों की तलाश कर रही है। इसके लिए बुधवार को मुंबई और अहमदाबाद में छापेमारी की गयी। एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि फ्रॉड गैंग के मास्टर माइंड सत्यनारायण वर्मा और सांई प्रवीण रेड्डी को तेलंगाना से बुधवार सुबह रायपुर लाया गया है। दोनों को कोर्ट में पेश कर दो दिन की पुलिस रिमांड ली गई है। आरोपियों को आमने-सामने बैठकर पूछताछ की जा रही है। कुछ टीम राज्य के बाहर है। कुछ आरोपियों की तलाश की जा रही है। बैंक को 3.52 करोड़ से ज्यादा लौटा दिया गया है।